साइबर सेल के प्रभारी एक पुलिस इंस्पेक्टर मंगलवार शाम तक ऑन ड्यूटी थे. लेकिन जब उनके घर का दरवाजा खोला गया तो सात दिन पहले ही उनकी संदिग्ध मौत हो चुकी थी. इस घटना ने पूरे पुलिस महकमे को हिला कर रख दिया है. सिद्धार्थनगर जिले में पुलिस विभाग के साइबर सेल प्रभारी इंस्पेक्टर पंकज शाही का शव उनके कमरे से उस वक्त बरामद हुआ, जब पड़ोसियों ने कमरे से बदबू आने की सूचना पुलिस को दी.
सूचना पाकर मंगलवार देर शाम पहुंची सदर थाने की पुलिस ने जब इंस्पेक्टर पंकज शाही का दरवाजा तोड़ा तो अंदर का हाल देख कर उनके रोंगटे खड़े हो गए. उनके विभागीय साथी पंकज शाही का शरीर मृत अवस्था में उनके बिस्तर पर पड़ा था और शव में सड़न होने से पूरे कमरे में बदबू फैली हुई थी. शव देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता था कि पंकज शाही की मौत करीब 1 सप्ताह पहले ही हो गई थी.
गोरखपुर से सिद्धार्थनगर पुलिस लाइन पहुंचे पंकज शाही के परिवार के लोग भी इस घटना से दुखी और हतप्रभ हैं. उन्हें भी यह समझ नहीं आ रहा कि यह सब कैसे हो गया. एक सप्ताह तक घर से बिना संपर्क के पंकज शाही थे तो परिवार को चिंता क्यों नहीं हुई? इसके बारे में पूछने पर उनके भाई ने कहा कि उनकी अपने भाई से बात कम होती थी. भाभी ने फोन किया था लेकिन फोन नहीं उठा था. उन लोगों के संज्ञान में मृतक इंस्पेक्टर पंकज शाही की किसी से कोई दुश्मनी भी नहीं थी.
साइबर सेल प्रभारी इंस्पेक्टर पंकज शाही की मौत के बारे में सीओ सदर सुनील सिंह ने बताया कि पहली बार में ऐसा लग रहा है कि उनकी मौत स्वभाविक तरीके से हुई है. बाकी पोस्टमार्टम के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. एक सप्ताह तक ड्यूटी पर रहते हुए पुलिस महकमे ने उनकी खोज खबर नहीं ली, इसका ठीक-ठाक जवाब उनके पास भी नहीं था.
इंस्पेक्टर पंकज शाही की मौत, जिले में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करती है. मंगलवार शाम शव मिलने तक पंकज शाही साइबर सेल में ड्यूटी पर थे जबकि उनके शव की हालत देखकर कहा जा सकता है कि यह एक सप्ताह पुराना है. ऐसे में करीब एक सप्ताह तक पंकज शाही मृत कमरे में पड़े रहे और उनके अधीनस्थों ने जानने की कोशिश नहीं की कि पंकज शाही कहां है? और वह एक सप्ताह से ड्यूटी पर क्यों नहीं आ रहे हैं?
Input: Daily Bihar