बसों के धक्के, ट्रेन की आवाज, हवाई जहाज में बैठने का डर और घंटों के सफर से भविष्य में यात्रियों को निजात मिलेगी। भविष्य के सफर में ऐसी कोई परेशानी नहीं होगी। लोगों के सफर को आसान बनाएगा हाइपरलूप। हाल ही में वर्जिन ने अपने नए हाइपरलूप का वीडियो जारी किया है। इस हाइपरलूप में लेविटेशन इंजन का उपयोग किया गया है, जो हवा के दबाव यानी वैक्यूम से दौड़ता है। इस लूप की स्पीड 670 मील प्रति घंटा है एक समय में 28 यात्री सफर कर सकते हैं।
यह हाइपरलूप जापान, चीन और कोरिया की सुपर फास्ट मैग्लेव ट्रेनों से भी कई गुणा तेजी से दौड़ता है। यह लूप एक चुंबकीय पॉड्स ट्रैक में दौड़ता है। । इसकी लंबाई करीब 1,640 फीट है। कंपनी का दावा है कि यह शून्य कार्बन उत्सर्जन के साथ दौड़ता है। इसमें न ही कोई आवाज आती है और न ही कोई धक्का लगता है। अगर भविष्य में भारत में भी ऐसा ही कोई हाइपर लूप आ जाए तो जयपुर से दिल्ली तक की करीब 280 किलोमीटर की दूरी मात्र 20 मिनट में ही तय हो जाएगी। वहीं गुलाबीनगरी से मायानगरी मुंबई की करीब 1,150 किलोमीटर की यात्रा मात्र दो घंटे में पूरी हो जाएगी।
पिछले साल पहली बार की थी यात्रा
गौरतलब है कि नवंबर 2020 में वर्जिन हाइपरलूप के सह-संस्थापक जोश गिगेल और निदेशक सारा लुचियन ने पहली बार हाइपरलूप में सफल सफर किया था। लगभग 15 सेकंड में ही लूप ने 100 मील प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ ली थी।
30 मिनट में पहुंच जाएगा न्यूयॉर्क से वॉशिंगटन
न्यूयॉर्क से वॉशिंगटन के बीच एक हाइपरलूप यात्रा में केवल 30 मिनट लगेंगे। जो एक हाई स्पीड ट्रेन से चौथाई और हवाई जहाज के सफर का आधा समय है। हाइपरलूप बनाने वाली कंपनी ने घोषणा की है कि वर्जिन हाइपरलूप का सफर साल 2027 से शुरू हो जाएगा।