बिहार में फिल्म निर्माण की चाहत रखने वालों को राज्य सरकार का कला संस्कृति विभाग हर प्रकार की सहूलियत मुहैया कराएगा। बिहार में फिल्मों की शूटिंग के लिए सिंगल विंडो सिस्टम का प्रावधान किया जा रहा है। फिल्म निर्माताओं को कला संस्कृति विभाग और फिल्मों के निर्माण व विकास के लिए काम करने वाले फिल्म विकास व वित्त निगम से सहयोग करना होगा।
कला संस्कृति विभाग की सचिव फिल्म निगम की प्रबंध निदेशक वंदना प्रेयसी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। मारिशन भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने शनिवार से आयोजित होने वाले पटना बाल फिल्मोत्सव की विस्तृत जानकारी दी। बताया कि बिहार में बाल कलाकारों, साइड एक्टर्स, मुख्य भूमिका निभाने वाले कलाकार, टैक्सी, कैटरिंग से लेकर शूटिंग में जरूरी हर चीज के लिए पैनल बनाया जाएगा।
कोई भी फिल्मकार जो बिहार में शूटिंग करने को इच्छुक हैं वे बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम से ऑनलाइन आवेदन कर तमाम तरह की सुविधाएं प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए प्रशासनिक समेत अन्य स्वीकृति भी दिलायी जाएगी। प्रेयसी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में फिल्मों के विकास के लिए संवेदनशील है। लंबे समय से तैयार हो रही फिल्म पॉलिसी भी जल्द ही राज्य मंत्रिमंडल में स्वीकृति के लिए पेश की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक मारिशन भवन का भी कायाकल्प शीघ्र होगा। यहां म्यूजियम, कैफेटेरिया बनाया जाएगा ताकि यह दर्शनीय स्थल बन सके। बिहार म्यूजियम में शनिवार से होने वाले दो दिवसीय बाल फिल्म महोत्सव (13 और 14 नवंबर) की जानकारी देते हुए कहा कि इसके तहत छह फिल्में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर की दिखायी जाएंगी। इनके अलावा बाल भवन किलकारी द्वारा तैयार फिल्म, फिल्मों पर चर्चा आदि भी आकर्षण होंगे।
उप-मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद उद्घाटन करेंगे जबकि हामिद के निर्देशक अयाज खान, मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण और मुख्यमंत्री के सलाहकार अंजनी कुमार सिंह मुख्य अतिथि होंगे। उन्होंने कहा कि बाल फिल्मोत्सव एक छोटा प्रयास है, जनवरी में लिटरेचर फेस्टिवल, फरवरी में बड़ा फिल्म फेस्टिवल जबकि मार्च में 100 चर्चित कवियों की कविता पाठ का आयोजन किया जाएगा। मौके पर फिल्म निगम के महाप्रबंधक अरविंद तिवारी भी मौजूद रहे।
Input: DTW24News