24 की उम्र में IAS बना, किताब-कोचिंग के लिये पैसे नहीं थे पर पहले प्रयास में ही यूपीएससी में लाई 82वीं रैंक

पटना : यूपीएसएसी परीक्षा के रिजल्ट आए हुए डेढ़ महीने हो रहे हैं। संसाधनहीन कई लोगों ने यह परीक्षा पास की। अपने परिवार वालों के सपनों को पूरा किया। मगर, राजस्थान के जबलपुर के रहने वाले देशलदान रतनू की संघर्ष सबसे अलग है। आज आईएएस के रूप में काम कर रहे हैं। पहले ही प्रयास में 82वीं रैंक लाई, लेकिन उनकी स्थिति अच्छी नहीं थी। उनके पास बचपन से ही किताब खरीदने तक के पैसे नहीं थे। कोचिंग जाना दूर की बात थी। देशलदान रतनू के पिता चाय बेचा करते थे। इससे इतनी कमाई नहीं हो पाती थी कि घर ठीक से चले।

 

इधर, देशलदान रतनू को बचपन से आईएएस बनना का सपना था। 10वीं की परीक्षा पास करने के बाद वह कोटा चले गए। वहां से उन्होंने अपनी मेहनत और कठिन परिश्रम से 12वीं की भी परीक्षा पास कर ली। फिर जेईई इंट्रेस में चयन हो गया। इसके बाद उन्होंने आईआईटी जबलपुर से बीटेक किया। बीटेक की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी खुद से शुरू कर दी। इसी बीच उनके बड़े भाई की भी मौत हो गई। परिवार के प्रति जिम्मेदारी और बढ़ गई, लेकिन उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा को मन से नहीं निकलने दिया। बिना कोचिंग क्लास किए यूपीएससी की परीक्षा दी और पहले ही प्रयास में 82वीं रैंक लाई। अपना और अपने बड़े भाई का सपना पूरा किया।

 

2017 की परीक्षा में हुए चयनित

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की 2017 की परीक्षा में देशलदान रतनू का चयन हुआ। तब उनकी उम्र महज 24 साल थी। अपने संघर्षों को याद करते हुए देशलदान रतनू काफी भावुक हो जाते हैं। कहते हैं बचपन का सपना था, जिसके किसी भी हाल में पूरा करना था। इस बीच सबकुछ छोड़ना पड़ा। बेहद कम उम्र घर-गांव छोड़ा। गांव के बच्चों से किताबें मांग-मांग कर पढ़ाई की। फिर कोटा गया तो वहां अपने से छोटे बच्चों को ट्यूशन देकर अपने स्कूल की फीस जमा। कई बार पैसे नहीं होने के कारण बिना खाना खाए भी सोना पड़ा। आईआईटी से पढ़ाई पूरी होने के बाद चाहता बड़े आराम से कोई नौकरी कर लेता और अपने संघर्षों को विराम देता। मगर, यूपीएससी क्लालिफाई करने का जुनून हर संघर्ष से लड़ने के लिए प्रेरित करता रहा। बीटेक के बाद खुद से यूपीएससी की तैयारी में जुट गया। एक बार फिर लोगों से स्टडी मेटेरियल और किताबें मांगने का दौर शुरू किया, लेकिन आखिरकार यूपीएससी में क्वालिफाई किया।

 

input:daily bihar

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