सड़क हादसे में जख्मी एक महिला को इलाज के लिए मददगार एक युवक ने सोमवार को सदर अस्पताल में दौड़ लगाता रहा, लेकिन मदद के लिए न तो कोई चिकित्सक न ही कोई स्वास्थ्यकर्मी ही सामने आये। उसके बाद जख्मी महिला की मौत उस युवक के कंधे पर ही हो गयी।
मौत की खबर मिलने के बाद चिकित्सकों की नींद खुली व दौड़कर महिला की जांच पड़ताल करने के बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया।
हद तो तब हो गई जब डॉक्टरों द्वारा जख्मी महिला की मौत की पुष्टि होने के बाद भी शव ले जाने के लिए स्ट्रेचर की व्यवस्था नहीं करायी गयी। वहीं मदद देने वाले युवक शव को कंधे पर ही उठाकर ले जाने को विवश होना पड़ा। इस दृश्य को किसी को वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जो तेजी से वायरल हो रहा है। इस घटना के बाद सदर अस्पातल की कार्यशैली व सूबे का नंबर एक अस्पताल होने पर प्रश्नचिह्न खड़े होने लगे हैं।
बता दें की अस्पताल परिसर में मौजूद रोगी व उनके परिजनों ने इस दृश्य को देखा तो अस्तपाल प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया। वहीं तेजी से वायरल हो रहे| इस वीडियो में साफ तौर से देखा जा सकता है कि किस तरह से एक युवक मृत महिला को कंधे पर लेकर दौड़ रहे है।
बता दें कि शनिवार को नगर थाना क्षेत्र के महमदपुर अंतर्गत डॉक्टर संगीता मोहल्ला स्थित एनएच- 31 पर एक अनियंत्रित टेम्पो के पलट जाने से लगभग आधे दर्जन लोग घायल हो गए थे। इस दौरान एक महिला की स्थिति अत्यधिक चिंताजनक बनी हुई थी। घायल की स्थिति को देख लोगों का रूह कांप उठा और स्थानीय युवक ने घायल महिला की इलाज के लिए जान की बाजी लगा दी।
युवक ने जख्मी महिला की जान बचाने के लिए घंटों अपने कंधों पर लेकर दौड़ते रहे।
मानवीय संवेदना को झकझोर देने वाली यह तस्वीर किसी अन्य अस्पताल की नहीं बल्कि सूबे का नंबर वन सदर अस्पताल बेगूसराय का है। लोगों को निजी एम्बुलेंस वाले को 12 सौ रुपये से 15 सौ रुपये देकर शव लेकर घर जाना पड़ता है। जानकारी अनुसार मृतका बलिया थाना के भगतपुर की रहने वाली थी। भले ही महिला ने दम तोड़ दिया, लेकिन युवक ने मानवता की मिशाल पेश कर समाज को बेहतर संदेश दिया कि किसी भी जख्मी की जान बचाने के लिए सबों को आगे आना चाहिए।
Input: DTW24