बिहार की सबसे बड़ी लाइफलाइन जल्द ही चालू हो जाएगी। इसका निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। पटना से उत्तर बिहार को जोड़ने वाला गांधी सेतु पुल की पूर्वी लेन मार्च से लोग भर्राटा भर सकेंगे। गांधी सेतु के पूर्वी लेन को तैयार करने के लिए दिन-रात 100 से अधिक मजदूर काम कर रहे हैं। इंजीनियरों की टीम भी निर्माणस्थल पर डटी रहती है। बता दें कि गंगा नदी का पानी कम होने के बाद से निर्माण कार्य में तेजी आई है। पुल के पूर्वी लेन के ऊपर सुपरस्ट्रक्चर का काम काफी तेजी से पूरा किया गया है। इंजीनियरों की गाइडलाइन के अनुसार 26 पिलरों पर सुपरस्ट्रक्चर बना दिया गया है। 13 स्पैन पर स्लैब भी रखा जा चुका है। गांधी सेतु कुल 46 पिलरों पर बना हुआ है। विभागीय आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पुल का पूर्वी लेन 2021 में तैयार कर लिया जाना था, लेकिन किन्हीं-किन्हीं कारणों से निर्माण कार्य में देरी हुई, जिसके बाद 2022 में पुल का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस पुल की पूर्वी लेन के चालू हो जाने के बाद लोगों को जाम से निजात मिल जाएगी।
पश्चिमी लेन पहले ही हो चुकी है तैयार
गांधी सेतु की पश्चिमी लेन पिछले साल ही तैयार कर ली गई थी। जुलाई 2020 में उसका निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया था। फिर 31 जुलाई 2020 को पश्चिमी लेन का उद्घाटन भी कर दिया गया था। इसके बाद पूर्वी लेन का निर्माण नवंबर 2020 में शुरू किया गया, जिसे 2021 के नवंबर में पूरा किया जाना था। गांधी सेतु के समानांतर एक और पुल बनाया जाना है। यह पुल चार लेन वाला है। पथ निर्माण विभाग मंत्री नितिन नवीन ने इसके लिए स्थल निरीक्षण भी किया था। नए पुल की कुल लंबाई 14.5 किलोमीटर होगी। इसमें मुख्य सेतु 5.63 किलोमीटर तो 7.05 किलोमीटर सड़क है। पुल का निर्माण कार्य 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इन दोनों पुल के चालू हो जाने के बाद लोगों को पटना से उत्तर बिहार आने-जाने में बिल्कुल परेशानी नहीं होगी। गंगा सेतु के पास दो पुल के अलावा जेपी सेतु भी गंगा नदी पर बना है। यह पुल दीघा, पटना एम्स होते हुए सोनपुर तक जाता है।