ट्रैफिक नियंत्रण के साथ-साथ अब ड्यूटी पर तैनात ट्रैफिक पुलिस के अफसरों व जवानों की गतिविधियों को भी मॉनिटर किया जाएगा। इसके लिए ट्रैफिक पुलिस के अफसरों व जवानों को बॉडी वॉर्न कैमरे (जो वर्दी के ऊपर लगा होगा) दिए जा रहे हैं। पटना और नालंदा जिला में इसका प्रयोग भी शुरू कर दिया गया है। फिलहाल पटना और नालंदा जिला में 33 कैमरे दिए गए हैं जिसका उपयोग भी शुरू कर दिया गया है। यह कैमरा ड्यूटी पर तैनात अफसरों व जवानों की हर गतिविधि को मॉनिटर करेगा। इसके पीछे का मकसद यह है देखना है कि ट्रैफिक पुलिस पब्लिक के साथ कैसा व्यवहार कर रही है।
ट्रैफिक पुलिस के कर्मियों पर वाहन चालकों से नाजायज तरीके से पैसे लेने के आरोप लगते रहे हैं। अब इस कैमरे के जरिए सबकुछ मॉनिटर होगा। जवान और अफसरों की वर्दी पर लगे कैमरे की रिकार्डिंग को देखा जाएगा। इसके लिए एक कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा ताकि वहां बैठे अफसर लाइव सबकुछ मॉनिटर कर सकें। ट्रैफिक आईजी एम.आर. नायक ने दो दिन पहले ही पटना सहित बारह जिलों गया, भोजपुर, सारण, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर, मुंगेर, दरभंगा और नालंदा के ट्रैफिक डीएसपी को सख्त निर्देश दिया था कि वे उपलब्ध कराए गए उपकरणों का तत्काल उपयोग शुरू करें।
आरपीएफ ने कहा-कैमरे के पीछे वारदात होने से रिकॉर्डिंग नहीं
भागलपुर में हाईवे पर वाहनों की रफ्तार पर नजर रखने के लिए स्पीड राडार गन का भी उपयोग शुरू किया गया है। इन उपकरणों को परिवहन विभाग ने उपलब्ध कराया है। पहले चरण में यह कोशिश की जा रही है कि कम से कम हर महत्वपूर्ण चौक-चौराहे पर तैनात ट्रैफिक पुलिस के जवानों की वर्दी पर बॉडी वॉर्न कैमरे लगे हों। जल्द ही और उपकरण और कैमरे लिए जाएंगे ताकि अधिक से अधिक संख्या में जवानों और अफसरों को यह उपलब्ध कराया जाए। कोशिश यह है कि ड्यूटी पर तैनात सभी जवानों को बॉडी वार्न कैमरा से लैस किया जाए।