बिहार में नालंदा जिले (Bihar Nalanda) से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. नालंगा के हिलसा अनुमंडल अस्पताल में हिलसा शहर के पासवान टोला निवासी अशोक पासवान का 30 वर्षीय पुत्र अमरजीत कुमार तबीयत खराब होने के बाद अस्पताल पहुंचा था. अमरजीत शारीरिक रूप से दिव्यांग है. परिजनों ने अस्पताल की ओर से एंबुलेंस (Ambulance) की मांग की, लेकिन एंबुलेंस नहीं मिली. इसके बाद अमरजीत को सब्जी के ठेले पर लिटाकर अस्पताल ले जाया गया.
जानकारी के अनुसार, अस्पताल पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने अमरजीत को मृत घोषित कर दिया. अमरजीत की मौत के बाद भी अस्पताल में कोई वाहन उपलब्ध नहीं हो सका. परिजनों के अनुसार, इसके बाद डॉक्टरों ने शव जल्दी ले जाने को कहा. परिजन फिर अमरजीत के शव को ठेले पर लादकर घर ले गए. आरोप है कि अनुमंडल अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं का घोर अभाव है. अस्पताल में एकमात्र एंबुलेंस कभी खाली नहीं रहती. शव को या मरीजों को लाने और ले जाने के लिए किसी तरह की व्यवस्था नहीं है.
मरीज की मौत के बाद क्या बोले सीएस ?
अमरजीत की मौत के बाद जब मामला सुर्खियों में आया तो सीएस आरके राजू ने कहा कि हिलसा अनुमंडलीय अस्पताल में एंबुलेंस का अभाव पहले से ही है. इसके लिए जिला प्रशासन से अस्पताल एंबुलेंस बढ़ाने की मांग की है. क्षेत्र से काफी संख्या में मरीज अस्पताल आते हैं. एंबुलेंस नहीं मिलने से मरीज को परेशानी होती है. अस्पताल में शव ढोने के लिए वाहन की भी व्यवस्था होनी चाहिए. फिलहाल अस्पताल में मात्र एक एंबुलेंस उपलब्ध है.