रेलवे ने आरक्षण टिकट के लिए यात्रा तिथि से चार महीना पूर्व बुकिंग की व्यवस्था कर रखी है। विशेषकर दीवाली, छठ एवं होली के मौके पर इन तिथियों का आरक्षण खुलते ही वेटिंग का बोर्ड लटक जाता है। इस बार दीवाली 24 अक्तूबर को है। आलम यह है कि इस अवधि में कई ट्रेनों में तो वेटिंग टिकट मिलना भी बंद हो चुका है।
लक्ष्मीसागर में रहने वाला धनंजय का परिवार इस बार भी उदास है। दीपावली व छठ पर इस साल भी धनंजय घर नहीं आ पा रहा। बेटे, बहू व पोता-पोतियों के साथ त्योहार मनाने का सपना वृद्ध दंपती का साकार नहीं हो सकेगा।
कारण, आने वाली किसी भी ट्रेन में आरक्षण उपलब्ध नहीं है। चाहकर भी उनका बेटा नहीं आ पा रहा। यह चिंता केवल एक धनंजय के परिजन की नहीं है, बल्कि परदेस में रहने वाले अधिकांश जिलावासियों के परिजनों की है।
जिला के प्राय: सभी परिवार का कोई न कोई सदस्य दूसरे महानगरों में रोजी-रोटी या पढ़ाई के लिए रहता है। दीपावली, छठ पर घर आने की परंपरा रही है, लेकिन यह परंपरा पिछले कुछ सालों से टूटती जा रही है।
यात्रियों की संख्या के अनुपात में ट्रेन नहीं रहने के कारण अधिकांश लोग त्योहार पर घर नहीं लौट पाते। लोक आस्था के महापर्व पर परदेसी पूतों से गुलजार रहने वाली गांव की गलियां इसी कारण अब सूनी ही पड़ी रहती है।
चार महीने पहले हो गई है बुकिंग
रेलवे ने आरक्षण टिकट के लिए यात्रा तिथि से चार महीना पूर्व बुकिंग की व्यवस्था कर रखी है। विशेषकर दीवाली, छठ एवं होली के मौके पर इन तिथियों का आरक्षण खुलते ही वेटिंग का बोर्ड लटक जाता है।
इस बार दीवाली 24 अक्तूबर को है। आलम यह है कि इस अवधि में कई ट्रेनों में तो वेटिंग टिकट मिलना भी बंद हो चुका है। नई दिल्ली से आने वाली बिहार संपर्क क्रांति में 25, 26 एवं 27 अक्तूबर को वेटिंग भी रिग्रेट है।
वहीं आवक ट्रेन स्वतंत्रता सेनानी में 25 अक्तूबर को 517 वेटिंग है, जो कभी भी रिग्रेट हो जायेगा। आश्चर्यजनक पहलू यह है कि लंबी दूरी की अधिकांश आवक ट्रेनों में दिसंबर से पहले कन्फर्म बर्थ नहीं मिल रहा।
लोग स्पेशल ट्रेन दिये जाने की प्रतीक्षा में है। हालांकि अभी भी दो स्पेशल ट्रेन नित्य दिल्ली के लिए चल रही है। स्थिति इतनी बदतर है कि सियालदह से आने वाली 13185 गंगासागर एक्सप्रेस में भी छठ से ठीक पहले 26 अक्तूबर को वेटिंग रिग्रेट है।