राज्य में एनएच पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण ओवर स्पीड को माना जाता है. ऐसे में ओवर स्पीड को कम करने के लिए सभी एनएच पर आठ से 10 किलोमीटर पर ऑटोमैटिक रडार गन लगाया जायेगा, ताकि तय गति सीमा से तेज गाड़ी चलाने वाले हर वाहनों पर ऑनलाइन जुर्माना लगाया जा सकें. वहीं, जुर्माना लगाने के बाद गाड़ी मालिकों को इसकी सूचना ऑनलाइन यानी एसएमएस से भेजी जायेगी. रडार उन सभी एनएच पर लगाया जायेगा, जहां दुर्घटनाएं अधिक हो रही हैं. साथ ही रडार लगाते समय भी दुर्घटना वाली जगहों पर विशेष ध्यान दिया जायेगा.
बैंगलुरु के बाद अब दिल्ली में होगा प्रशिक्षण
राज्य के पांच अधिकारियों को प्रशिक्षण के लिए बैगलुरु भेजा गया था. जहां से आने के बाद उन्होंने अपनी एक रिपोर्ट तैयार कर ली है. अब 29-30 को दिल्ली में प्रशिक्षण कार्यक्रम होगा. जहां से आने के बाद यह अपनी पूरी रिपोर्ट सरकार को सौंप देंगे, ताकि सड़क दुर्घटना में ओवर स्पीड के मामले को कम किया जा सकें.
यह है दुर्घटनाओं का आंकड़ा
2021 में पांच नेशनल हाइवे सबसे खतरनाक साबित हुए थे. एनएच पर हो रहे हादसों में आधे से अधिक हादसे इन्हीं पांचों एनएच पर हो रहे है. इनमें सबसे खतरनाक एनएच-31 है. नवादा, बिहारशरीफ, पटना, बेगूसराय, खगड़िया, पूर्णिया व किशनगंज से होकर गुजर रहे. इस एनएच पर 644 सड़क दुर्घटनाएं हुई. इनमें 520 की मौत हो गयी. एनएच-28 दूसरे स्स्थान पर है. यह बेगूसराय, मुजफफरपुर व गोपालगंज से होकर गुजरने वाले इस एनएच पर 515 हादसे हुए, जिसमें 443 की मौत हुई.
अगर एनएच की बात करें, तो बिहार में कुल 3285 दुर्घटनाएं हुई है. इसी तरह तीसरे पर एनएच-30, चौथे पर एनएच-57 और पांचवें पर दो एनएच है. जिसमें कैमूर सासाराम व औरंगाबाद से होकर गुजरने वाली सड़क है.