नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। ट्रक की फिटनेस जांच न कराना उसके मालिक और चालक की जेब पर भारी पड़ गया है। उनके ट्रक की टक्कर से मरने वाले शख्स के स्वजन के लिए 25 लाख 15 हजार रुपये मुआवजा तय करते हुए मोटर एक्सीडेंट क्लेम टिब्यूनल ने आदेश दिया कि बीमा कंपनी इसका भुगतान करेगी, जिसे वह बाद में ट्रक के मालिक और चालक से वसूलेगी। क्योंकि दुर्घटना के वक्त ट्रक का फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं था।गाजियाबाद के साहिबाबाद थाना क्षेत्र में भोपुरा चौक के पास 19 नवंबर 2014 को एक ट्रक ने बाइक को पीछे से टक्कर मार दी थी।
इस दुर्घटना में बाइक सवार होरी लाल की मौत हो गई थी। मृतक की पत्नी गुड्डी देवी, बेटे राम करण, राम लखन, रोहित समेत छह स्वजन ने मोटर एक्सीडेंट क्लेम टिब्यूनल में मुआवजे के लिए वाद दायर किया था। इस मामले में ट्रक के मालिक संजय मौर्या, चालक संतोष कुमार और ट्रक का बीमा करने वाली कंपनी से मुआवजे की मांग की गई थी।
टिब्यूनल के समक्ष सुनवाई के दौरान बीमा कंपनी ने पक्ष रखा था कि दुर्घटना के वक्त ट्रक का फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं था, जो बीमा की शर्त का उल्लंघन है। ऐसे में मुआवजा देना उसका दायित्व नहीं बनता। इसके बाद टिब्यूनल ने पीड़ित पक्ष को 25 लाख 15 हजार रुपये मुआवजा के तौर पर देने का आदेश सुनाया। मुआवजे की रकम मृतक की उम्र और वार्षिक आय के आधार पर तय की गई है। हालांकि, टिब्यूनल ने बीमा कंपनी को अधिकृत किया कि वह मुआवजा राशि की वसूली ट्रक मालिक और चालक दोनों से कर सकती है। टिब्यूनल ने माना की ट्रक की फिटनेस न कराना ट्रक मालिक और चालक की गलती है।
input:daily bihar