कहते हैं खुली आंखों से देखे हुए सपने ज़रूर पूरे होते हैं. सपने ही उड़ान भरने का पासपोर्ट, फ़्लाइट सब होते हैं. कुट्टानाड, केरल (Kuttanad, Kerala) के चेमपुमपूरम (Chempumpuram) के ऐबी जॉर्ज (Aby George) का बचपन का सपना पूरा होने वाला है.
गांव की कच्ची सड़कों पर दौड़ते-भागते, अपने माता-पिता के साथ धान के खेत में काम करते हुए बड़े हुए जॉर्ज. The New Indian Express की रिपोर्ट के अनुसार, जॉर्ज को UK की The Exeter University ने 40 लाख की कॉमनवेल्थ स्कॉलरशिप दी है. Global Sustainability Solutions नामक मास्टर्स प्रोग्राम का हिस्सा बनेंगे जॉर्ज.
कुट्टीनाड के धान के खेतों में काम करते हुए ऐबी ने जो सीखा, उस ज्ञान की बदौलत ही आज वो UK जा रहे हैं.
ऐबी जॉर्ज के माता-पिता जॉर्ज जोसेफ़ और जॉफ़ी किसान हैं और ये अपने 5 एकड़ की ज़मीन पर ख़ुद खेती करते. बचपन से ही जॉर्ज भी अपने माता-पिता के साथ खेत पर जाता और काम करता.
“हम प्रकृति अनियमितताओं से लड़ते हुए अपनी ज़िन्दगी गुज़ारते थे. कभी बाढ़ तो कभी पानी की कमी तो कभी कीड़े-मकोड़े का हमला, इनके अलावा कई समस्याओं के साथ निपटना पड़ता. इन अनुभवों ने मुझे सभी समस्याओं से लड़ने की हिम्मत दी और मुझे ये स्कॉलरशिप मिली है.”, ऐबी जॉर्ज के शब्दों में.
ऐबी के 12 महीने प्रोग्राम का पूरा ख़र्च यूनिवर्सिटी उठाएगी.
2019 में ऐबी ने St. Berchman College से B.Com पूरा किया. इसके बाद वो अलापुज़ा के International Centre for Technological Innovations से जुड़े. इस संस्था में ऐबी ने कई सस्टनेबेल खेती प्रोजेक्ट्स का हिस्सा बने.
“कुट्टानाड में आय दिन बिन मौसम बरसात हो रही थी और बाढ़ का पानी भर जा रहा था और फसल को काफ़ी नुकसान हो रहा था. मैंने Climate Resilient Agriculture की पढ़ाई की और धान की खेती में रिस्क कैसे कम करें इस बारे में जाना. बचपन के अनुभव ने बहुत मदद की.”, ऐबी जॉर्ज के शब्दों में.
किसानों को एकसाथ लाने के लिए बनाई संस्था
ऐबी को पता था कि खेती-बाड़ी का सेक्टर असंगठित है. किसानों को सरकार की स्कीम्स की भी सही से जानकारी नहीं है. किसानों को एकसाथ लाने के लिए ऐबी जॉर्ज ने Farmer Produce Organisation का गठन किया. इस संस्था के अब 900 से ज़्यादा सदस्य हैं. कुट्टीनाड के कई किसानों को ऐबी की संस्था से मदद मिली है.
Input: indiatimes