बीजेपी ने नीतीश कुमार को दिया जवाब- जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाए राज्य सरकार

नीति आयोग की हालिया रिपोर्ट को लेकर मंगलवार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व सांसद डा. संजय जायसवाल ने कहा कि बिहार ने और हम सबने 15 साल जो राजद-कांग्रेस का कुशासन झेला है, उसके लिए नीति आयोग को दोष देना ठीक नहीं। नीति आयोग सभी राज्यों को बराबर दृष्टि से देखकर रिपोर्ट बनाती है। किसी राज्य के लिए अलग से रिपोर्ट नहीं बनाया जाता है। उन्होंने कहा कि बिहार का विकास करना है तो सबसे पहले जनसंख्या नियंत्रण करना होगा। जनसंख्या नियंत्रण के लिए बिहार सरकार को कानून बनाना चाहिए।

 

बता दें कि सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि देश में अनेक पिछड़े राज्य हैं, जिनके लिए नीति आयोग को अलग कसौटी तय करना चाहिए। इसी तरह विकसित राज्यों के लिए भी अलग मानक हो, जिसके आधार पर राज्यों की रैंकिंग करे। सभी राज्यों की स्थिति को अगर एक ही मानकर आयोग चल रहा है तो यह विचित्र है। मूल्यांकन का तरीका होना चाहिए। कार्य व विकास का मूल्यांकन करते हैं तो बुनियादी चीज जानना होगा।

 

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि देश की आजादी के समय बिहार 9वें पायदान पर था और राजद-कांग्रेस के कुशासन में हम आखिरी पायदान पर पहुंच गये। दक्षिण के राज्यों की हमेशा ये शिकायत रहती है कि हमने 1980 में जनसंख्या नियंत्रण कर लिया तो क्या ये हमारा अपराध है, जिसके कारण हमें कम हिस्सेदारी दी जाती है। केन्द्र का मुद्दा दूसरा है। देश के 25 राज्य जनसंख्या स्थिरीकरण कर चुके हैं। 4 साल पहले जनसंख्या दर में बिहार-यूपी बराबर था। यूपी 3.6 से घटकर 2.5 पर आ गया जबकि हम 3.5 से घटकर 3.2 पर ही पहुंच पाये हैं।

 

जनसंख्या नियंत्रण के लिए बांग्‍लादेश मॉडल की प्रशंसा करते हुए कहा कि वहां हर शुक्रवार को नमाज के बाद बोला जाता है कि 2 से अधिक बच्चे पैदा मत करो। इसी तर्ज पर बिहार के भी सभी धर्मों के गुरुओं को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। दो बच्चे का कानून सबसे पहले सभी अधिकारियों, पंचायत तथा अन्य प्रतिनिधियों पर लागू होना चाहिए। पहले हमें सुधरना होगा तभी हम लोगों को सुधार सकते हैं।

 

उन्होंने कहा कि हम आधारभूत संरचना बढ़ाते हैं, उससे ज्यादा आबादी पैदा हो जाती है। यह भी देखना होगा कि 1977 से 2005 तक केवल छह मेडिकल कालेज खुले, एक भी इनमें सरकारी नहीं जबकि आज एनडीए की सरकार में 18 मेडिकल कालेज खुल चुके हैं और 28 खोलने जा रहे हैं। यह इसी 15 साल में हुआ है। 2005 में हम अस्पताल के मामले में डेढ़ बेड पर थे और आज 6 बेड पर पहुंचे हैं। बिहार की जनता इसे बखूबी समझती है।

 

input:dtw24 news

Share This Article.....

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *