बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 65वीं सेकेंड टॉपर रहने वाली चंदा भारती बांका की रहने वाली हैं। महिला वर्ग में वे अव्वल हैं। वे गया बुडको में असिस्टेंट इंजीनियर हैं। पिता विवेकानंद यादव गढ़वा में असिस्टेंट इंजीनियर हैं। मां का नाम कुंदन कुमारी है। चंदा भारती तीन भाई एक बहन हैं।
चंदा फिलहाल गया नगर निगम में असिस्टेंट इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने बीआईटी सिंदरी धनबाद से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान चंदा कॉलेज में गोल्ड मेडलिस्ट भी रह चुकी हैं। चंदा ने बताया कि उन्हें टेक्निकल विषय अधिक पसंद है।
उन्होंने अपनी शुरूआती पढ़ाई डीएवी पब्लिक स्कूल पाकुड़ से 10वीं और 12वीं डीपीएस बोकारो से किया है। चंदा के पिता माइनर एरिगेशन गढ़वा में एसडीओ हैं, मां पाकुड़ में सरकारी शिक्षिका हैं। वहीं बडे़ भाई गृह मंत्रालय केन्द्र सरकार में हैं, मंझले वाले भैया जूनियर इंजीनियर पाकुड़ में हैं। सबसे छोटे वाले भाई दिल्ली मेट्रो में इंजीनियर हैं। उन्होंने अपनी मां के साथ रहकर 10वीं किया और फिर पढ़ने बाहर चली गईं।
टॉपर्स के मेधावी होने को लेकर सवाल पर चंदा ने बताया कि जब तक रिजल्ट पब्लिश नहीं होता सभी सामान्य ही होते हैं। आंसर राइटिंग और बाकी स्किल की वजह से नंबर ज्यादा आ जाता है। मैंने यह हमेशा ध्यान दिया कि जितनी देर पढ़ो अच्छी तरह से पढ़ो। हमेशा सकारात्मक सोचना चाहिए। मेरे भाईयों ने हमेशा सपोर्ट किया है।
वहीं बच्चों की पढाई पर सोशल मीडिया के असर को लेकर चन्दा ने कहा कि मैं फेसबुक, वाट्सएप सब पर हूं। यह आप पर डिपेंड करता है कि आप कैसे चीजों को बैलेंस करते है, यह लड़ाई आपके अंदर की है। आप अंदर से कितने मजबूत हैं।
बता दें कि 64 वीं बीपीएससी में भी चंदा का रेवेन्यू सर्विस में चयन हुआ था, जिसमें उन्हें 684 रैंक मिला था। इसके अलावे बिहार इंजीनियरिंग सर्विस, एसएससी जेई में भी चंदा सफल हो चुकी है वह फिलहाल गया नगर निगम बुडको में असिस्टेंट इंजीनियर पद पर कार्य कर रही हैं। वहीं अब बीपीएससी में सफल होने के बाद वह बिहार प्रशासनिक सेवा ज्वाइन करेंगी।
Input: DTW24