कानपुर. उत्तर प्रदेश में मिर्ची में मिलावट करके बेचने वाले गैंग का पर्दाफाश हुआ. कानपुर में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने यशोदा नगर में छापेमारी कर मिलावटी मिर्च-मसाले बनाने वाली फैक्ट्री का भांडाफोड़ किया है. फैक्ट्री में कश्मीरी मिर्च के नाम पर में धान की भूसी व नॉन इडेबिल सिंथेटिक कलर मिलाकर बेचा जा रहा था. आरोपी इन महाराजा और स्वस्तिक नाम से खाद्य पदार्थ बेच रहे थे. खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन 6 लाख रूपये के नकली माल के साथ पिता और पुत्र को गिरफ्तार किया है. साथ ही फैक्ट्री को सील कर दिया गया. आपको जानकर हैरानी होगी कि पिता-पुत्र 18 साल से कश्मीरी मिर्च पाउडर बना कर बेच रहे थे.
उत्तर प्रदेश के कानपुर में लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने वाले पिता-पुत्र को गिरफ्तार किया गया है. खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने योशोदा नगर स्थित अविनाश कुमार गुप्ता और उनके बेटे शरद गुप्ता की कश्मीरी मिर्च पाउडर, दलिया और कसूरी मेथी की फैक्टरी में छापेमारी की है जहां पर कश्मीरी मिर्च के नाम पर लोगों को धान की भूसी और सिंथेटिक कलर मिलाकर बेचा जा रहा था. एफडीए के अभिहीत अधिकारी विजय प्रताप सिंह ने बताया है कि मौके से कई हानिकारक केमिकल बरामद हुए हैं. आठ सैंपल लेकर करीब 20 कुंतल माल जब्त किया गया है. सभी सैंपल जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे जा रहे हैं.
कानपुर में कश्मीरी मिर्च के नाम पर लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने वाले पिता-पुत्र करीब 18 साल से लोगों को कश्मीरी मिर्च के नाम पर धान की भूसी और सिंथेटिक कलर खिला रहे थे. काली कमाई के चक्कर में दोनों नकली मिर्च का पाउडर 18 रूपये का 100 ग्राम बेचते थे. इसे बनाने में सिर्फ डेढ़ रुपये की लागत आती थी. दोनों पूरे उत्तर प्रदेश के महाराजा कश्मीरी मिर्च पाउडर महाराजगंज, देवरिया, आजमगढ़, गोरखपुर, वाराणसी समेत यूपी के ज्यादातर जिलों में बिकता है. सबसे ज्यादा बिक्री पूर्वांचल100 में रेस्टोरेंट और ढाबे मालिकों को बेचते हैं.
अभिहीत अधिकारी ने बताया कि पिता-पुत्र कसूरी मेथी, दलिया और महाराजा व स्वास्तिक कश्मीरी पाउडर का होलसेल व रिटेल का लाइसेंस लिए थे. कसूरी और दलिया का काम शरद ट्रेडिंग के नाम और कश्मीरी मिर्च पाउडर का नाम अविनाश कुमार अयोध्या प्रसाद के नाम से करते हैं. अभिहीत अधिकारी ने बताया कि धान की भूसी व नॉनइडेबिल सिंथेटिक कलर के साथ ही कश्मीरी मिर्च पाउडर में बिना लिखित स्वीकृति के न उपयोग होने वाला मोनो सोडियम ग्लूटामेट और साइट्रिक एसिड भी मिलाते थे.
input:daily bihar