भागलपुर में विक्रमशिला पुल के समानांतर अत्याधुनिक तकनीक से फोर लेन पुल का निर्माण कराया जाएगा। पुल को मजबूती देने के लिए ताकि सौ साल से ज्यादा इसकी उम्र हो, ब्रिज को स्टील फाइबर (रिइंफोर्सड कंक्रीट टेक्नोलॉजी) व एक्सट्रा डोज का इस्तेमाल करके तैयार किया जाएगा। इस तकनीक ना केवल पुल की मजबूती बढ़ेगी बल्कि पुल की लागत भी कम हो जाएगी। उसके रखरखाव में भी समस्या कम होगी। गौरतलब है कि इस तकनीक से बनने वाला राज्य का यह पहला पुल होगा। पुल की डिजाइन का काम रोडिक कंसल्टेंट को दिया गया है। इस डिजाइन को बनाने के लिए अमेरिका की कंपनियों से सहयोग लेने की बात हो रही है।
कुछ ही समय पूर्व सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने विक्रमशिला पुल के समानांतर प्रस्तावित फोरलेन पुल के निर्माण और अत्याधुनिक तकनीक की डिजाइन को लेकर बैठक की थी। इस बैठक में बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और रोडिक कंसल्टेंट के इंजीनियर भी शामिल हुए थे। बैठक संपन्न होने के बाद अत्याधुनिक तकनीक की डिजाइन को बनाने के काम में तेजी आई है।
गंगा नदी पर विक्रमशीला सेतु के समानांतर 4.367 किमी लंबे नए फोर लेन पुल के निर्माण कार्य को चार साल के अन्दर तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित।किया गया है। जिस डिजाइन पर काम हो रहा है, उसमें 4.367 किमी लंबे सेतु के साथ नवगछिया की ओर 875 मीटर और भागलपुर की ओर 987 मीटर पहुंच पथ भी शामिल है।
सेतु का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद, भागलपुर शहर में यातायात काफी आसान हो जाएगा और वाहन झारखंड से प्रवेश कर सकेंगे। इस नए फोरलेन सेतु के निर्माण से नवगछिया से भागलपुर होते हुए झारखंड की सीमा तक जाना आसान हो जाएगा। बिहार और झारखंड के बीच यातायात मे काफी आसानी होगी। इसके साथ ही कोसी-सीमांचल और पूर्व बिहार के जिलों को लाभ मिलेगा। पश्चिम के जिलों और अन्य सेतुओं का बोझ भी काफी कम हो जाएगा। पश्चिम बंगाल के साथ भी कनेक्टिविटी बेहतर होगी और पूर्वोत्तर के लिए एक नया वैकल्पिक मार्ग भी उपलब्ध होगा।
Input: Daily Bihar