बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर गहमागहमी जारी है. अलग-अलग चरणों के लिए प्रत्याशी अपना नामांकन करवा रहे हैं. प्रत्याशियों में इतना उत्साह है कि वे आचार संहिता का उल्लंघन भी कर बैठते हैं. एक मामला तो ऐसा आया कि प्रत्याशी को कोई चिन्ह भी नहीं मिला और वो खुद से ही माला छाप चुनाव चिन्ह के साथ प्रचार करने लगे. लेकिन इस बार मामला आचार संहिता का नहीं बल्कि कुछ और ही हैं. एक नेता जी को भैंसे पर सवार होकर नामांकन करने जाना महंगा पड़ गया. इतना ही नहीं उनपर निर्वाची पदाधिकारी ने ही थाने में मामला दर्ज करवा दिया.
जानकारी अनुसार बीते 6 अक्टूबर को जिले के कुमारखंड प्रखंड कार्यालय में मुखिया पद के लिए नामांकन करने पहुंचे थे. भैंसे पर सवार होकर प्रखंड निर्वाचन कार्यालय पहुंचने के कारण प्रखंड निर्वाची पदाधिकारी ने प्रत्याशी के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कुमारखंड थाना में मामला दर्ज कराया है. मधेपुरा जिले में पंचायत चुनाव के छठे चरण के लिए कुमारखंड में नामांकन चल रहा था. लोग स्कॉर्पियो और फॉर्च्यूनर जैसे वाहनों पर सवार होकर नामांकन पर्चा दाखिल करने प्रखंड कार्यालय पहुंच रहे थे.
वहीं कुमारखंड प्रखंड अंतर्गत इसराइन बेला पंचायत से मुखिया प्रत्याशी अशोक कुमार मेहता भैंसा पर सवार होकर प्रखंड निर्वाचन कार्यालय पहुंचे. उनका भैंसे पर सवार होना आकर्षण का केंद्र बना. मीडिया ने भी इस खबर को सुर्खियां दी, लेकिन प्रशासन को यह नागवार गुजरा. अनुमंडल पदाधिकारी नीरज कुमार ने खबर पर संज्ञान लेते हुए मुखिया प्रत्याशी अशोक कुमार मेहता पर पशु क्रूरता अधिनियम -1960 की धारा 11 के तहत एफआईआर करने का आदेश दिया.
Input: DTW 24 News