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सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में जारी कोयला संकट के बीच चार दिन से भी कम के लिए कोयला स्टॉक वाले संयंत्रों की संख्या एक सप्ताह में 64 से बढ़कर 70 हो गई। ये आंकड़े रविवार तक के हैं।
इन संयंत्रों में कोयला नहीं पहुंचा तो बिजली उत्पादन कभी भी बंद हो सकता है।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय व कोयला सचिव मंगलवार को मौजूदा हालात से जुड़ी विस्तृत जानकारी प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव के समक्ष पेश करेंगे। इस बीच, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को ऊर्जामंत्री आरके सिंह और कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ समस्या के निदान पर अहम बैठक की। उल्लेखनीय है कि ऊर्जामंत्री ने रविवार को देश को आश्वस्त किया था कि विद्युत संयंत्रों की मांग के अनुरूप पर्याप्त कोयला उपलब्ध है और इसमें कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
करीब एक घंटे तक चली गृहमंत्री की अफसरों के साथ बैठक
गृहमंत्री शाह के साथ नॉर्थ ब्लॉक स्थित कार्यालय में करीब एक घंटे तक चली बैठक में ऊर्जा, कोयला मंत्रालय और एनटीपीसी के शीर्ष अधिकारी भी मौजूद थे। दरअसल दिल्ली, पंजाब व महाराष्ट्र सहित कई राज्यों ने कोयला उपलब्ध कराने के लिए गुहार लगाई थी। हालांकि केंद्र ने स्पष्ट किया था कि कोयले का पर्याप्त भंडार है।
मुंबई में 13 ऊर्जा उत्पादन इकाइयां बंद
महाराष्ट्र में कोयले की कमी से बिजली संयंत्रों की 13 उत्पादन इकाइयां बंद कर दी गई हैं। इस वजह से देश की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई में भी बिजली की कमी का संकट हो गया है। वहीं चंद्रपुर, भुसावल, नासिक आदि संयंत्रों में भी उत्पादन इकाइयां बंद हैं। महाराष्ट्र के बिजली विभाग ने पनबिजली सहित दूसरे स्रोतों से बिजली हासिल करने के लिए तलाश शुरू की है।
साथ ही सुबह छह से 10 और शाम को छह से 10 बजे तक नागरिकों को संभलकर बिजली उपयोग करने के लिए कहा जा रहा है। राज्य के ऊर्जा सचिव दिनेश वाघमारे में कहा, कोयले का डेढ़ दिन का स्टॉक बचा है। बाकी राज्यों में कटौती के बीच दक्षिण भारतीय राज्यों में भी उत्पादन घटता जा रहा है।
दक्षिण भारत : आपूर्ति घटने से बढ़ा संकट कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और केरल के बिजली संयंत्रों में औसतन चार से सात दिन के कोयले का स्टॉक बचा है। कई संयंत्रों में स्टॉक दो दिन का बताया जा रहा है। इन राज्यों ने सप्लाई में जल्द सुधार न आने पर संकट बढ़ने का अंदेशा जताया है। सप्लाई की कमी से उत्पादन भी नहीं बढ़ पा रहा है।
इन इकाइयों में उत्पादन ठप
सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी की छह अक्तूबर 2021 की निगरानी रिपोर्ट के अनुसार कोयले की कमी से 10 बिजली संयंत्रों की 36 यूनिट कम से कम 15 दिन से बंद हैं। इनमें गुरु हरगोबिंद, रोपण, सूरतगढ़, नवापारा, सलाया, नासिक, भुसावल, उडुपी, सागर्दिघी और हिरनमयी के प्लांट शामिल हैं।
पंजाब : नहीं सुधरी स्थिति, शहरों में लगे पांच घंटे तक के कट पंजाब में बिजली उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित होने के कारण शहरों में सोमवार को पांच घंटे के कट लगे, वहीं किसानों को भी छह घंटे की बजाय केवल तीन घंटे ही बिजली मिली। दशहरे तक सप्लाई प्रभावित रहेगी।
हरियाणा : कोयले की आपूर्ति आधी
हरियाणा में इस समय 8 रैक कोयला रोजाना जरूरत है, लेकिन मात्र 4 रैक ही मिल रहे हैं। प्लांटों में स्टॉक 25 दिन से घटकर मात्र 4 दिन का रह गया है। इसके बावजूद प्रदेश में फिलहाल बिजली संकट नहीं है।
यूपी में 5250 मेगावाट बिजली उत्पादन कम
कोयले की कमी के कारण यूपी में रविवार को 5250 मेगावाट बिजली का कम उत्पादन हुआ, जिससे शहरों में भी अघोषित कटौती बढ़ा दी गई है। कुछ संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति हुई है, पर वहां अब भी एक या दो दिन से ज्यादा का कोयला नहीं है। कोयले के घटते भंडार ने बिजली उत्पादन की रफ्तार धीमी कर दी है।
रविवार को सरकार के संयंत्रों ने 1100 मेगावाट कम उत्पादन किया। निजी कंपनियों के संयंत्रों ने 2550 मेगावाट तथा एनटीपीसी ने 1600 मेगावाट कम बिजली उत्पादित की। औसतन प्रदेश में रोज बीस हजार मेगावाट विद्युत उत्पादन होता है।
input:अमर उजाला