जमीन मापी का शुल्क अब एक समान होगा, अमीन के एक दिन के वेतन के आधार पर होता है मापी का शुल्क, मंत्री ने विभाग को दिया व्यवस्था में बदलाव करने का निर्देश : राज्य में जमीन मापी के लिए अलग-अलग दर होने से परेशानी होती है। किसानों की शिकायत विभाग को मिलती है लेकिन व्यवस्था ही ऐसी है कि कुछ किया नहीं जा सकता। लिहाजा विभाग को व्यवस्था बदलने का निर्देश दिया गया है।-राम सूरत राय, मंत्री, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग
जमीन मापी के लंबित आवेदनों का जल्द निपटारा करने और इसमें निष्पक्षता का ख्याल रखने का निर्देश देने के बाद राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की नजर इसके लिए तय दर पर है। अलग-अलग जिलों में अलग दर लिये जाने की शिकायतों के बाद विभाग इसमें एकरूपता लाने जा रहा है। विभाग के मंत्री राम सूरत राय ने राज्यभर के लिए एक दर तय करने का निर्देश विभाग के अधिकारियों को दिया है।
राजस्व विभाग ने जिलों में जमीन मापी के लिए समान दर तय करने पर मंथन शुरू कर दिया है। विभाग ने अभी दर तय तो नहीं की है लेकिन उम्मीद है कि संविदा आधारित अमीनों के वेतन के आधार पर ही नई दर तय होगी। विभाग रकबे के आधार पर भी मापी की दर तय करने पर विचार कर रहा है। उससे एक दिन या दो दिन लगने पर भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा। एक कट्ठा जमीन की मापी करानी होगी तो राज्य के किसी अंचल में एक ही दर होगी। एक दर तय हो जाने के बाद अमीनों का वेतन बढ़ने या घटने से भी उस पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। वर्तमान व्यवस्था में राज्य सरकार जमीन मापी के लिए जाने वाले अमीन के एक दिन का वेतन भूस्वामी से लेती है। ऐसे में अगर किसी अंचल में पुराने नियमित बहाली वाले अमीन कार्यरत हैं तो एक दिन के वेतन के आधार पर भूस्वामी को तीन हजार रुपये तक देने पड़ रहे हैं।
वह भी अगर पूरी मापी एक दिन में हो गई तब। लेकिन मापी में अगर दो दिन समय लग गया तो राशि दोगुनी हो जाती है। इसी तरह अगर किसी अंचल में संविदा वाले अमीन हैं तो वहां के भू स्वामी को एक हजार रुपये देने पड़ते हैं। परेशानी तो वहां ज्यादा होती है, जहां पुराने अमीन कार्यरत हैं। उन अमीनों का वेतन बढ़कर काफी हो जाता है। ऐसे में अगर जमीन मापी के लिए उन्हें भेजा जाता है तो जमीन मालिक को बड़ी राशि का भुगतान करना पड़ता है। नई व्यवस्था हो जाने पर राज्यभर का एक समान दर तय होगी।
Input; Daily Bihar