मुजफ्फरपुर ज़िले के कुढ़नी की केरमा डीह पंचायत की नवनिर्वाचित मुखिया को बधाई देने घर आ रहे दारोगा पुत्र की कार बुधवार को समस्तीपुर के उजियारपुर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हादसे में मुखिया कुशमी देवी के पुत्र दारोगा शिवेंद्र पासवान व कार चालक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
हादसा अहले सुबह एनएच-28 पर बहिरा चौर के पास हुई। दारोगा के कार चालक की पहचान जमालपुर के रहने वाले अमित कुमार के रूप में हुई है। बताया गया है दारोगा मुंगेर जिले के जमालपुर थाने में जेएसआई के पद पर पदस्थापित थे जहां से वे मंगलवार देर रात कुढ़नी प्रखंड के केरमा गांव स्थित अपने घर आने के लिए चले थे।
आशंका जतायी जा रही है कि रास्ते में चालक की आंख लग गयी होगी, जिससे यह हादसा हुआ। मामले में उजियारपुर थानाध्यक्ष विश्वजीत कुमार ने बताया कि कार पानी में पूरी तरह डूबी हुई थी। सुबह कुछ लोग पानी के ऊपरी सतह पर कार का पहिया देख कर उन्हें जानकारी दी। इसके बाद वे पुलिस बल के साथ पहुंचे गोताखोर की मदद से मृतकों की लाश कार से निकाली गयी। बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शवों को परिजन के हवाले कर दिया गया है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पानी से कार निकाले जाने के बाद नंबर प्लेट पर लगे पुलिस के सिंबल और कार से पिस्तौल मिलने पर पता लगा कि मृतकों में पुलिस कर्मी भी शामिल है। बाद में कार में मिले कागजात के आधार पर दारोगा की पहचान होने के साथ परिजनों को जानकारी देकर बुलाया गया।
मृतक के भाई मुकेश पासवान ने बताया कि उसके भाई शिवेन्द्र 2009 बैच के दारोगा थे। उनकी शादी 2012 में हुई थी। उनके 4 व 6 वर्ष के दो पुत्र हैं। मृतक के भाई ने बताया कि मंगलवार को लगभग 1 बजे चुनाव परिणाम संबंधित बातचीत उनसे हुई थी।
उत्सव का माहौल गम में बदला
एक दिन पहले मुखिया चुनी गई कुशमी देवी के घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा था। बुधवार सुबह दस बजे तक लोग जश्न मना रहे थे। इसी बीच 11 बजे दिन में कुढ़नी थानाध्यक्ष ने मुखिया को सूचना दी कि उनके पुत्र एसआई शिवेन्द्र पासवान नहीं रहे। उनकी हादसे में मौत हो गई है। सूचना मिलते ही उत्सव का माहौल गम में बदल गया। घर में चीख पुकार मच गई।
मां बहन व पिता की हालत खराब : शिवेन्द्र की मौत की सूचना मिलते ही मां कुशमी देवी, बहन सोनी व पिता हरेन्द्र पासवान की हालत खराब होने लगी। घर के लोग उन्हे नींद की दवा देकर किसी तरह सुलाकर रखा है। शिवेन्द्र के चचेरा भाई शिक्षक जितेन्द्र पासवान ने बताया कि शिवेन्द्र अपनी मां को मुखिया पद पर जीतने के खुशी में घर आ रहा था। काफी दिनों से नहीं आया था।
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