छठ महापर्व के आध्यात्मिक महत्व से कहीं ज्यादा है इसका वैज्ञानिक महत्व! : महापर्व छठ के तैयारी में बिहार मग्न है ! घर के बड़े-बुजुर्ग-बच्चे सबकी अपनी तैयारी और जिम्मेदारी है!एकमात्र साक्षात देव भगवान सुर्य की आराधना करने वाला इस महापर्व की अध्यात्मिकता जग जाहिर है।हालांकि इसके वैज्ञानिक पहलू पर ज्यादा बात नहीं होती। आज के पोस्ट में हम छठ के वैज्ञानिकता की बात करेंगें।
खासकर इस पर्व में उपयोग किए जाने वाले पांच प्रसादों की उपयोगिता और उनके वैज्ञानिक लाभ के बारे में। दरअसल छठ के पूजन में पांच प्रसादो का होना अत्यंत आवश्यक है। ठेकुआ, गन्ना ,केला, नारियल और चकोतरा/ घाघर। इन पांच जरूरी चीजों की बिना आपका प्रसाद पुर्ण नहीं होता। जब आप इन पांचों प्रसाद की उपयोगिता को समझेंगे तो निश्चित ही आप छठ महापर्व के वैज्ञानिक पहलू से अवगत हो पाएंगे
छठ पूजा के पांच प्रसाद का वैज्ञानिक लाभ
ठेकुआ
आटे-गुड़ और घी का बना ठेकुआ जितना स्वदिष्ट होता है उतना ही वह सेहत के लिए भी फायदेमंद होता हैं। छठ पूजा का ये भोग बहुत ही महत्वूपर्ण माना जाता है। छठ पूजा में ये प्रसाद सबसे पहले नंबर पर आता है।
वैज्ञानिक लिहाज से भी ठेकुआ को सेहत के लिए फायदेमंद मना गया है। आटा, गुड़ और घी तीनों ही सेहत के लिए अच्छे होते हैं और बदलते मौसम में ये तीनों चीजें इम्युनिटी को बढ़ाती हैं। इसलिए सर्दी-जुकाम और ठंड से से शरीर की रक्षा करता है।
गन्ना
गन्ने के बिना छठ पूजा हो ही नहीं सकती। छठी मैया को साल की पहली फसल प्रसाद के रूप में चढ़ाते है। मान्यता है कि गन्ने की फसल तभी बेहतर होती है जब सूर्य की किरणें इसमें समा जाएं। यही कारण है कि भगवान सूर्य को धन्यवाद देने के लिए भी इस फसल को जरूर पूजा में चढ़ाते हैं।
वैज्ञानिक रूप से गन्ने को पाचन शक्ति बढ़ाने वाला माना गया है। सर्दियों में पाचन बहुत धीमा हो जाता है और एसिडीटी भी खूब होती है। ऐसे में गन्ने का रस अपनी ठंडी प्रकृति का होने के कारण काफी आराम देता है।
केला
बच्चों के लिए छठी मैया की पूजा होती है और और इस पूजा में यही कारण है कि केले का पूरा गुच्छा ही मां को चढ़ाया जाता है। वैज्ञानिक लिहाज से केला शरीर के लिए बहुत जरूरी माना गया है। पोटेशियम और ऑयरन से भरपूर केला गैस की समस्या से भी छुटकारा दिलाता है।
नारियल
छठ पूजा में नारियल का भी विशेष महत्व है। माना जाता है कि नारियल भी इम्युन को बढ़ाता है। इसलिए इस मौसम में प्रसाद में इसे चढ़ाने का महत्व और भी बढ़ जाता है। साथ ही इसमें कई पोषक तत्व भी होते हैं जो शरीर के लिए बहुत जरूरी हैं।
चकोतरा
छठ पूजा में चकोतरा पांचवा फल है जो जरूर चढ़ता है। इसके पीछे भी स्वास्थ्य जुड़ा है। ये फल पीला और अंदर से लाल होता है और खट्टा-मीठा स्वाद लिए होता है। ये भी स्वास्थ्य के लिए वरदान है, क्योंकि विटामिन सी से भरा होने के कारण ये तमाम तरह के संक्रमण से भी बचाता है और शरीर कि प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता हैं।
Input: Daily Bihar