जेल में वर्षों से बंद होने के वावजूद मोकामा विधायक अनंत सिंह की पकड़ कमजोर नहीं हुई है. ‘छोटे सरकार’ के नाम से कुख्यात बिहार के बाहुबली विधायक अनंत सिंह (Bihar MLA Anant Singh) जेल में रहने के बावजूद अपने क्षेत्र की जनता के चहेते बने हुए हैं. विधानसभा चुनाव हो या फिर लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) और अब पंचायत चुनाव , अनंत सिंह का प्रभाव आज भी दिखाई देता है.आर्म्स एक्ट मामले में जेल में बंद मोकामा विधायक अनंत सिंह का पैतृक गांव नदांवा है. यहां विधायक अनंत सिंह की हर एक बात मानी जाती है. कभी विधायक के विरोधी रहने वाले उनके चचेरे भाई और बिहार केशरी विवेक पहलवान भी अब अनंत सिंह के ही साथ हैं जिसका नतीजा ये देखने को मिला कि पूरे पंचायत ने निर्विरोध जीत हासिल की.
बाढ़ प्रखंड के नदांवा पंचायत में मुखिया, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य, वार्ड सदस्य सहित पंच सभी निर्विरोध चुने गए हैं. इन सभी उम्मीदवारों के नामांकन के विरोध में किसी ने कोई भी नामांकन नहीं किया था. नामांकन वापसी की तिथि के बाद सभी निर्विरोध चुन लिए गए. मुखिया मंजू देवी के आवास पर सभी पंचायत के निर्विरोध उम्मीदवारों ने एक दूसरे को माला पहना कर अबीर-गुलाल लगाया.बिहार केशरी के नाम से मशहूर विवेका पहलवान के भाई स्व. कमलेश पहलवान की पत्नी मंजू देवी दूसरी बार मुखिया की कुर्सी बचाने में कामयाब रही हैं. मुखिया मंजू देवी ने हर घर तक विकास पहुंचाने की बात कही है. सरपंच के पद पर बिजली देवी, पंचायत समिति सदस्य के पद पर श्याम नन्द महतो सहित 13 वार्ड सदस्य और पंच भी निर्विरोध विजयी हुए हैं.
नदांवा पंचायत संभवत: बिहार का पहला पंचायत होगा जहां किसी पद के लिए वोट नहीं पड़ेंगे. सभी निर्विरोध चुने गए हैं. जनता को इस बात पर खुशी है कि एक बार फिर मुखिया की देखरेख में पंचायत का विकास जारी रहेगा. बीडीओ डॉ. नवकुंज कुमार ने बताया कि सभी पदों पर एक उम्मीदवारों का नामांकन आखिरी समय तक रहा. नाम वापसी के बाद सभी निर्विरोध निर्वाचित माने गए हैं लेकिन सभी को प्रमाण पत्र काउंटिंग के दिन दिया जायेगा.
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