पटना के फुलवारी शरीफ में एरावत ट्रस्ट के न्यासी मोहम्मद अख्तर उर्फ अख्तर हाथी मुखिया की गोली मारकर हत्या कर दी गयी है. एरावत ट्रस्ट के मालिक अख्तर मुखिया उस वक्त चर्चा में आये थे जब बेटे के नालायक निकलने पर उन्होंने अपनी 5 करोड़ की संपत्ति बेटे की जगह अपने हाथियों के नाम लिख दी थी.
जानकारी के अनुसार बुधवार को जानीपुर के मुर्गियाचक स्थित मोहम्मद अख्तर के ऊपर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. बताया जाता है कि अपराधियों ने 10 राउंड से अधिक गोलियों की बौछार की. मोहम्मद अख्तर की हत्या की सूचना फैलते ही मुर्गियाचक और जानीपुर समेत आसपास के इलाके में दहशत फैल गया.
डर के कारण इलाके के लोगों ने घरों की खिड़कियां और दरवाजे बंद कर लिये. घटना के काफी देर बाद मौका ए वारदात पर पहुंची पुलिस को देखकर लोग घरों से निकले. पुलिस के मुताबिक गंभीर रूप से जख्मी मोहम्मद अख्तर को एम्स ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
अख्तर मुखिया हाथी पालक थे और पूरे बिहार में प्रसिद्ध थे. बिहार सरकार की ओर से भी हाथियों की देखरेख के लिए उन्हें बुलावा भेजा जाता था. अख्तर के पास दो हाथी हैं. एक का नाम रानी तो दूसरे का नाम मोती है. उनका सुबह से लेकर रात तक का वक्त इन्हीं के साथ बीतता है. अपनी पांच करोड़ की जमीन इनके नाम लिखने पर वे सुर्खियों में आए थे.
उन्होंने अपनी जायदाद की रजिस्ट्री दो हिस्सों में की है. एक हिस्सा उनकी पत्नी का तो दूसरा हाथियों का है. अख्तर मुखिया की पत्नी, दो बेटे और एक बेटी है. पूरा परिवार फुलवारीशरीफ के खलीलपुरा मोहल्ले में रहता हैं. पुलिस के अनुसार अख्तर मुखिया का एक बेटा अभी जेल में बंद है. बताया जाता है कि अख्तर मुखिया जमीन की खरीद बिक्री के कारोबार से भी जुड़े थे. इनका भी पुराना आपराधिक इतिहास रहा है.
पुलिस पहली नजर में इसे संपत्ति एवं जमीन विवाद में हुई हत्या मान रही है. इसी बिंदू पर पुलिस जांच को आगे बढ़ा रही है. विवादों को खंगाल कर हत्याकांड में शामिल अपराधियों का पता लगाने में जुट गयी है.