दीपोत्सव के पांचवें संस्करण में नौ लाख 54 हजार जलते दीपों का विश्व रिकार्ड बन गया। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स की ओर से इसकी घोषणा के साथ ही समूची राम की पैड़ी उल्लास की लहर पर सवार हो उठी। आतिशबाजी का दौर भी शुरू हुआ तो सरयू तट आह्लाद में डूब गया। मौजूद स्वयंसेवक खुशी से झूम उठे। जय श्रीराम के उद्घोष संग उनका उल्लास हिलोरें मार रहा था। रिकार्ड बनने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गिनीज बुक की टीम ने प्रोविजनल प्रमाण पत्र प्रदान किया। इस मौके पर अवध विवि के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह सहित कई अन्य विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे। दूसरी ओर आतिशबाजी का लोग लुफ्त उठाते रहे। देर रात तक जलते दीपों काे देखने स्थानीय व बाहरी लोग पहुंचे।
सभी इसका श्रेय कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह को देते रहे तो कुलपति प्रो. सिंह ने स्वयंसेवकों को समर्पित कर दिया। साथ ही योगी सरकार को इसके लिए बधाई दी और सराहा। दीपोत्सव के नोडल अधिकारी प्रो. शैलेंद्र वर्मा व कुलपति के कार्यक्रमाधिकारी डॉ.शैलेंद्र सिंह ने सभी को बधाई दी। डॉ.शैलेंद्र ने बताया कि इस बार 11 लाख 90 हजार दीप सजाए गए, जिसमें नौ लाख 54 हजार का रिकार्ड बना। इसमें 12 हजार स्वयंसेवकों की टीम लगी रही।
दीपों संग खूब हुई सेल्फी : रिकार्ड बनने के बाद स्वयंसेवकों ने घाट छोड़ा तो स्थानीय व बाहरी लोगों का जमावड़ा लगा रहा। घाट दर घाट लोग एक और जलते हुए दीपों के बीच खड़े होकर सेल्फी व फोटोग्राफी भी कराते रहे। यह सिलसिला देर रात तक चला।
वर्ष- दीपक- घाट- स्वयंसेवक
-2017-187213-09-4000
-2018-301152-14-5000
– 2019-404026-17-7000
– 2020-606569-24-10000
Input: Daily Bihar