15वें वित्त आयोग की राशि को इस महत्वपूर्ण काम में उपयोग किया जायेगा। उस राशि को राज्य के पंचायती राज विभाग द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत राज व्यवस्था की तीनों संस्थाओं के बीच बांटी जाती है। ग्राम पंचायतों को इस राशि में से 70 फीसदी, पंचायत समितियों को 20 फीसदी और जिला परिषदों को 10 फीसदी राशि मिलती है। आयोग से मिली राशि को 60 फीसदी टाइड और 40 फीसदी अनटाइड फंड के तहत खर्च करना है। टाइड फंड की राशि से छठ घाट, खेल मैदान और पार्क बनेंगे। वहीं अनटाइड फंड से सामुदायिक शौचालय और जलजमाव हटाने की नाली योजना पर राशि खर्च होगी। अभी पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव हो रहे हैं। पंचायतों में खर्च के लिये 15 वें वित्त आयोग से चालू वित्तीय वर्ष 2021-22में 1112 करोड रुपए मिले हैं।
तालाबों का सौंदर्यीकरण भी कराया जाएगा
पंचायती राज विभाग ने 15 वे वित्त आयोग की राशि से गांवों में कई तरह की सुविधाएं मुहैया कराने का निर्णय लिया है। आवश्यकतानुसार तालाब सौन्दर्यीकरण योजना से पंचायती राज संस्थाएं छठ घाट भी बनायेंगी।’ -सम्राट चौधरी, मंत्री, पंचायती राज
15 दिसंबर के बाद नए पंचायत प्रतिनिधि कराएंगे काम
15 दिसंबर के बाद संस्थाओं के चुने नये जनप्रतिनिधि इस राशि का उपयोग गांवों के विकास में करेंगे। त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के तीनों अंग जिला परिषद, पंचायत समित और ग्राम पंचायत तय करेंगी कि कहां-कहां किन सुविधाओं की जरुरत है। पक्की नाली-गली योजना से गांवों की सूरत निखरी है। अब गांवों के हर वार्ड में सोलर स्ट्रीट लाईट लगाये जाने हैं।
Input: Daily Bihar