तुलसी गौड़ा 77 बरस की कर्नाटक के अंकोला के एक आदिवासी महिला, जब 2 साल की थी अपने पिता को खो दिया। 10-12 साल की उम्र में उसकी शादी हो गई, जीवन में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। इन्होंने अपने जीवनकाल में करीब 1,00,000 पौधे ही नही लगाए उनका पोषण भी किया। इस नंगे पांव वाली आदिवासी “वृक्ष माता” को मिला पद्मश्री !!
सेवा-संकल्प की मिसाल बनी 29 महिलाओं को पद्म सम्मान
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वर्ष 2020 के लिए सोमवार को 73 हस्तियों को पद्म पुरस्कार प्रदान किए। इनमें से 61 लोगों को पद्म श्री दिया गया। इनमें 29 ऐसी महिलाएं भी शामिल हैं जो सेवा-संकल्प की मिसाल बनीं और तमाम लोगों के जीवन में रोशनी बिखेरी।
पद्म भूषण पाने वालों में तमिलनाडु की कृष्णम्माल जगन्नाथन का नाम है, जिन्होंने अहिंसक तरीके से भूमिहीन लोगों को जमीन दिलाने के लिए आंदोलन किया और हजारों लोगों को जमीन का मालिकाना हक दिलाया। उन्हें ग्रामीणों के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए सम्मान मिला।‘जंगलों की एनसाइक्लोपीडिया’ के रूप में मशहूर कर्नाटक की 72 वर्षीय तुलसी गौड़ा को पद्मश्री मिला। वे अब तक एक लाख से भी अधिक पौधे लगा चुकी हैं। पद्म श्री पाने वाले लोगों में राजस्थान की ऊषा चौमार भी हैं। जिन्हें सात साल की उम्र से मैला ढोना पड़ा और 10 साल की उम्र में शादी हो गई। आज 53 साल की ऊषा ऐसी सैकड़ों महिलाओं की आवाज हैं।
Input: Daily Bihar