किसी ने फल बेचकर बनवाया स्कूल, तो किसी ने रेगिस्तान में खड़ा किया जंगल… पद्म श्री पाने वाले इन अनजान सितारों की कहानी

समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अति विशिष्ट और उत्कृष्ट कार्य करने वाले 145 लोगों को सोमवार को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने ये पुरस्कार प्रदान किए। पुरस्कार वितरण समारोह में उप राष्ट्रपति, वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर समेत कई केंद्रीय मंत्री और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। पद्म पुरस्कार पाने वालों में ऐसे चेहरे भी शामिल थें, जिन्होंने जमीनी स्तर पर काम करते हुए कई उपलब्धियां हासिल की हैं।

 

 

कर्नाटक के मंगलुरु के संतरा बेचने वाले हरेकला हजब्बा को सोमवार को भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया। 66 वर्षीय हजब्बा ने पैसे जमा कर गांव में एक स्कूल का निर्माण कर ग्रामीण शिक्षा में क्रांति लाने के का काम किया है।

 

राजस्थान के नागौर जिले के हिम्मत राम भंभू को उनके कार्यों के लिए पद्म श्री सम्मान मिला है। नागौर के पास एक गांव में उन्होंने 25 बीघा जमीन पर न सिर्फ 11,000 पेड़ों वाला जंगल खड़ा किया है, बल्कि पांच साल में पांच लाख से ज्यादा पेड़ लगाए हैं।

 

सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद शरीफ को सोमवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया। साइकिल मैकेनिक से सामाजिक कार्यकर्ता बने शरीफ, लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करते हैं।

 

महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले की आदिवासी किसान राहीबाई सोमा पोपरे को सोमवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से कृषि के क्षेत्र में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया। राहीबाई को सीड मदर के रूप में भी जाना जाता है।

 

पर्यावरणविद् तुलसी गौड़ा को सोमवार को साल 2020 के लिए भारत के राष्ट्रपति से पद्म श्री पुरस्कार मिला। कर्नाटक के होनाली गांव के रहने वाले गौड़ा ने 30,000 से अधिक पौधे लगाए हैं और उन्हें पौधों और जड़ी-बूटियों की विविध प्रजातियों का ज्ञान है।

 

भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए 35 साल तक संघर्ष करने वाले अब्दुल जब्बार को सोमवार को मरणोपरांत पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

 

मिजोरम के 94 वर्षीय पत्रकार लालबियाकथांगा पचुआउ को दिल्ली में पद्म श्री से सम्मानित किया गया। उन्हें 2016 में मिजोरम सूचना और जनसंपर्क विभाग और मिजोरम पत्रकार संघ (एमजेए) ने देश में सबसे बुजुर्ग कामकाजी पत्रकार के रूप में घोषित किया था।

 

एलिफैंट मैन आफ इंडिया और एलिफैंट डाक्टर के नाम से पहचाने जाने वाले डा. कुशाल कोंवर सरमा को उनके कार्यों के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया गया है। एक पशुचिकित्सा और असम में पशु चिकित्सा विज्ञान कालेज में सर्जरी और रेडियोलाजी के प्रोफेसर बीते एक दशक में उन्होंने जंगलों में घूमकर 600 से अधिक हाथियों का इलाज किया है।

 

 

 

Input: Daily Bihar

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