गरीबी की जंजीरों में जकड़ी नेशनल बॉक्सिंग चैंपियन प्रियंका लोधी, टायर में पंक्चर लगाकर और रुई धुनकर करती हैं गुजारा : उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के मिर्जापुर गांव की प्रियंका लोधी नेशनल बॉक्सिंग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। लेकिन अपनी जिंदगी की रिंग में उन्हें टायर में पंक्चर लगाकर गुजारा करना पड़ रहा है। बता दें कि नेशनल सब जूनियर बॉक्सर प्रियंका लोधी ने हाल ही में गोवा में आयोजित नेशनल बॉक्सिंग प्रतियोगिता में गोल्ड जीतकर उत्तर प्रदेश का मान बढ़ाया था।
गौरतलब है कि प्रियंका लोधी के परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं है। ऐसे में वो अपने पिता के काम में हाथ बंटाती हैं। वो टायर में पंक्चर लगाने और रुई धुनने का काम करती हैं। इन कामों के सहारे प्रियंका और उनके परिवार को दो वक्त की रोटी नसीब हो पाती है। बता दें कि बेहतर कोचिंग और परिवार की आर्थिक मदद को लेकर उन्होंने सरकार से गुहार लगाई है। उनका सपना है कि वो देश के लिए ओलम्पिक खेलें।
प्रियंका का कहना है कि घर का खर्चा चलाने का जिम्मा अधिकतर उनके ऊपर ही है। उनकी पांच बहनें हैं और एक भाई है। इन सभी का खर्चा चलाने के लिए वो पंक्चर के अलावा, रजाई बनाने का भी काम करती हैं। प्रियंका बुलंदशहर के ही एक कन्या इंटर कॉलेज से 11वीं की पढ़ाई कर रही हैं।
प्रियंका ने बताया कि वो 12 साल की उम्र से ही पंक्चर बनाने का काम कर रही हैं। जबकि 14 साल की उम्र से बॉक्सिंग रिंग में उतर गईं थी। उन्होंने मंडल और स्टेट लेवल पर भी मेडल जीता है।
input:daily bihar