बिहार में सरकारी लापरवाही की वजह से लोगों के बैंक खाते में रुपये आने का सिलसिला जारी है। खगड़िया में एक युवक के खाते में साढ़े पांच लाख रुपये आने का अभी मामला थमा भी नहीं कि एक और नया मामला सामने आ गया। जिले के दो स्कूल छात्रों के बैंक खाते में 960 करोड़ रुपये आ गए हैं। दो बैंक खातों में 900 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि देखकर बैंक अधिकारी भी कुछ नहीं समझ पा रहे हैं।
सरकारी या बैंक अधिकारियों की लापरवाही के बाद लोग अपना खाता चेक करवाने बैंक या सीएसपी सेंटर पहुंच रहे हैं। बैंक और सीएसपी केंद्रों के बाहर लंबी-लंबी कतारें पहुंच गई है। कुछ लोगों को डर सात रहा है कि यह पैसे अधिकारियों की लापरवाही से उनके खाते में आ गए हैं। तो कुछ लोग मोदी सरकार को दुहाई दे रहे हैं कि 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने 15 लाख रुपये देने का एलान किया था वहीं, रुपये उन्हें अब जाकर मिल रहे हैं।
पोशक के नाम पर खाते में आई राशि
दोनों बच्चे आजमनगर थाना के बघौरा पंचायत स्थित पस्तिया गांव के रहने वाले हैं। दरअसल,बिहार में स्कूली छात्र-छात्राओं को यूनिफॉर्म के लिए राज्य सरकार की ओर से रुपये दिए जाते हैं। यह रुपये सीधे बच्चों के बैंक खाते में ही आते हैं। गुरुचंद्र विश्वास और असित कुमार खाते में पोशाक की राशि के बारे में जानकारी लेने के लिए सीएसपी सेंटर पहुंचे। यहां दोनों को पता चला कि खातों में तो करोड़ों रुपए जमा हैं। यह सुनकर बच्चे हैरान रह गए और वहां मौजूद अन्य लोग भी चौंक गए। छात्र असित कुमार के खाता- 1008151030208001 में 900 करोड़ से ज्यादा की राशि जमा है। गुरुचन्द्र विश्वास के खाता – 1008151030208081 में 60 करोड़ रुपये से अधिक डिपॉजिट है। दोनों खाता उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक भेलागंज शाखा का है।
ग्रामीण बैंक के भेलागंज के शाखा प्रबंधक मनोज गुप्ता भी बच्चों के खातों का बैलेंस देख हैरान हो गए। उन्होंने दोनों बच्चों के खाते से भुगतान पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया और खातों को फ्रीज करते हुए उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। बैंक के वरीय पदाधिकारियों को भी इस बारे में सूचना दी गई है।
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