कैमूर जिले का दुर्गावती प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) है। यहां के कर्मचारी हेलमेट लगाकर ड्यूटी करने को मजबूर हैं। वजह है PHC का 40 वर्ष पुराना भवन। भवन का प्लास्टर उखड़कर नीचे गिर रहा है। इसे लेकर डॉक्टर्स, कर्मचारियों से लेकर इलाज कराने आए मरीजों को हर वक्त डर सताते रहता है। ये हाल तब है जब बिहार का स्वास्थ्य बजट 13,264 करोड़ है।
डर के साये में काम कर रहे कर्मी कहते हैं
PHC में डाटा ऑपरेटर कृष्णकांत तिवारी और लैब टेक्नीशियन कौशलेंद्र कुमार शर्मा लगातार ड्यूटी कर रहे हैं। बताते हैं कि कई सालों से यही स्थिति है। अभी हाल में ही छत का प्लास्टर हमारे ऊपर गिर गया था। हालांकि छोटा टुकड़ा होने की वजह से कोई चोट नहीं आई। हम लोगों को हमेशा डर सताता रहता है कि कोई बड़ा प्लास्टर ना गिर जाए। इसलिए हम हेलमेट लगाकर ही काम करते हैं।
उन्होंने बताया कि जर्जर भवन में छज्जे से जो प्लास्टर गिरते हैं, वह सामान को भी नुकसान पहुंचाते हैं। हम लोगों ने कई बार पदाधिकारियों को शिकायत भी की, लेकिन अब तक समस्या का कोई समाधान नहीं निकाला गया है।
मामले में पीएचसी प्रभारी डॉ शांति कुमार मांझी ने बताया कि भवन निर्माण के लिए पत्राचार किया गया है। जल्द ही बनने की उम्मीद जताई जा रही है।
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