नए साल में 10 फीसदी तक महंगी हो सकती है बिजली, बिहार विद्युत विनियामक आयोग के समक्ष कंपनी ने दायर की याचिका, आमलोगों से राय लेने के बाद नई दर तय करेगा आयोग : कंपनी ने तय समय में बिजली दर की याचिका सौंप दी है। बिजली आपूर्ति के खर्च में हुई वृद्धि को देखते हुए 10 फीसदी वृद्धि का प्रस्ताव सौंपा गया है। आयोग की ओर से तय दर के बाद राज्य सरकार अनुदान की घोषणा करेगी।-संजीव हंस, ऊर्जा सचिव व अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक, बिजली कंपनी
नए साल में 10 फीसदी तक बिजली महंगी हो सकती है। बिजली कंपनियों की ओर से सोमवार को बिहार विद्युत विनियामक आयोग के समक्ष सौंपी गई याचिका में सभी श्रेणी की बिजली दरों में 10 फीसदी तक वृद्धि का प्रस्ताव दिया गया है। आयोग इस याचिका पर जनसुनवाई के बाद नई दर तय करेगा, जो एक अप्रैल 2022 से प्रभावी होगा।
बिजली कंपनी हर साल 15 नवम्बर तक बिजली दर का प्रस्ताव आयोग को सौंपता रहा है। उसी परम्परा के तहत ट्रांसमिशन कंपनी की ओर से बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, बिहार ग्रिड कंपनी लिमिटेड और स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर ने अलग-अलग याचिका दायर की। जबकि घरेलू, व्यवसायिक और औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं की बिजली दर तय करने के लिए नॉर्थ व साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने अलग-अलग याचिका दायर की है।
याचिका में खास : बिजली आपूर्ति के खर्च में हुई वृद्धि को आधार बनाते हुए कंपनी ने सभी श्रेणी में लगभग 10 फीसदी बिजली दर बढ़ाने का अनुरोध आयोग से किया है। वहीं शहरी घरेलू उपभोक्ताओं के स्लैब को तीन के बदले दो कर दिया गया है। कंपनी ने शून्य से 100 यूनिट के पहले स्लैब को समाप्त कर दिया है। प्रस्ताव के अनुसार अब शहरी घरेलू कनेक्शन में शून्य से 200 यूनिट का पहला स्लैब होगा। जबकि दूसरा स्लैब 201 यूनिट से अधिक का होगा।
उद्योग के लिए नई श्रेणी : कंपनी ने औद्योगिक कनेक्शन के लिए नई श्रेणी तय कर दी है। कंपनी का तर्क है कि छोटे उद्योगों के लिए अलग से श्रेणी एलटीआईएस है। जबकि बड़े उद्योगों के लिए एचटीएस है। लेकिन इसमें उद्योग के अलावा मॉल जैसे व्यवसायिक प्रतिष्ठान भी कनेक्शन लिया करते हैं। इससे यह पता नहीं चल पाता है कि वास्तविक में औद्योगिक कनेक्शन की संख्या कितनी है। इसे देखते हुए कंपनी ने तय किया है कि बड़े उद्योगों के लिए एचटीआईएस श्रेणी अलग से हो। हालांकि इससे बिजली दरों में कोई असर नहीं होगा।
मौजूदा बिजली दर (रुपए प्रति यूनिट में), ग्रामीण, यूनिट अनुदान के बगैर अनुदान के बाद, 0-50 6.10 2.60, 51-100 6.40 2.90, 100 से अधिक 6.70 3.15
शहरी, 0-100 6.10 4.27, 101-200 6.95 5.12, 201 से अधिक 8.05 6.22
input:daily bihar