शराबबंदी वाले राज्य बिहार में जहरीली शराब से 40 मौत के बाद शराबबंदी कानून की समीक्षा करने सरकार दिन भर बैठी, सरकार के सभी सलमा -सितारे बैठे.दिनभर की मैराथन बैठक के बाद थानेदार और चैकीदार को कह दिया गया कि अब कहीं शराब मिला तो थाना प्रभारी नपेंगे और चौकीदार ने अगर सूचना नहीं दी तो उस पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी बाकी डीजीपी साहब हर दूसरे दिन बैठक करेंगे. जिले में एसपी साहब हर 15 दिन पर बैठक करेंगे.26 तारीख को सभी लोग शराब नहीं पीने की शपथ लेंगे.
बिहार में लागू शराबबंदी कानून (Liquor Ban In Bihar) को लेकर मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद में बड़ी समीक्षा बैठक की गयी. करीब 7 घंटे तक चली इस बैठक के बाद सीएम नीतीश कुमार ने अधिकारियों को शराब बिक्री में संलिप्त सभी लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं. बैठक के बाद अपर मुख्य सचिव गृह चैतन्य प्रसाद सीएम ने बताया कि सीएम ने लापरवाह थानाप्रभारी को चिन्हित कर उन्हें निलंबित करने के लिए का आदेश दिया है. जिस थानाक्षेत्र में अब तक कार्रवाई नहीं हुई वैसे थानेदारों को चिन्हित करना और उनके खिलाफ कार्रवाई करनी है. साथ ही सीएम नीतीश ने शराब की होम डिलीवरी करने वालों को भी चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं.
जानिए सीएम नीतीश की समीक्षा बैठक की 10 बड़ी बातें
खुफिया तंत्र को और मजबूत किया जाएगा. खुफिया व्यवस्था और चुस्त दुरुस्त किया जाएगा. सरकार के कॉल सेंटर पर आनेवाले फोन कॉल्स पर त्वरित कार्रवाई होगी.जिलों के प्रभारी मंत्रियों को शराबबंदी की समीक्षा का अधिकार दिया गया है.बिहार में होम डिलीवरी करने वालों के खिलाफ चलाया जाएगा विशेष अभियानसेंट्रल टीम अगर जिले में जाती है और शराब रिकवर होता है तो थानाध्यक्ष निलंबित होंगे.शराबबन्दी पर थानाध्यक्ष की शिकायत आने पर 10 साल तक थानेदारी से वंचित.डायरेक्ट इंवॉलमेंट पर सेवा से बर्खास्त होंगे थानेदार.चौकीदार की जिम्मेवारी होगी कि गांव में हर गलत काम पर देंगे सूचना.पटना जिला में विशेष कर होम डिलीवरी के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा. जो भी कानून पूर्व से चल रहे है उनका और शक्ति से साथ पालन करवाया जाएगा.
चौकीदार, दफादार के साथ-साथ अधिकारियों पर होगी सख्त कार्रवाई
चौकीदार को गांव में हो रही अवैध गतिविधियों की जानकारी देनी है. अगर चौकीदार सूचना नहीं देता है, तो उस पर भी कार्रवाई होगी. दफ़ादारो को लेकर भी यही फैसला लिया गया है. इससे संबंधित फैसला पहले भी लिया गया था, उसे ठीक में लागू करना है. अगर कोई सरकारी अधिकारी शराब के अवैध धंधे में संलिप्त पाया जाता है, तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी.
Input: Daily Bihar