पटना। बिहार में बाढ़-सुखाड़, अधिक बारिश या बेमौसम बारिश के कारण फसल का नुकसान झेलने वाले किसानों को ब्याजरहित ऋण देने की तैयारी हो रही है। साथ ही पैक्सों (प्राथमिक कृषि साख समितियों) को भी शून्य ब्याज पर ऋण की सुविधा मिलेगी। इससे प्रदेश भर के किसानों, सहकारी समितियों, डेयरी और मछली व्यवसाय से जुड़े लोगों को कई तरह की सहूलियतें मिलेंगी। यह व्यवस्था लागू होने पर बिहार जैसे कृषि प्रधान राज्य में सहकारिता क्षेत्र में बदलाव होगा और बैंकों पर किसानों की निर्भरता खत्म होगी। वहीं महाजनों-सूदखोरों से भी किसानों को निजात मिलेगी।
अध्ययन रिपोर्ट के आधार पर आकार ले रहा मसौदा
पैक्सों और किसानों की मागों के मद्देनजर सरकार ने गुजरात, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश समेत कुछ अन्य राज्यों में किसानों एवं पैक्सों को उपलब्ध ब्याजरहित ऋण सुविधा का अध्ययन कराया है। इसी के आधार पर सहकारिता विभाग की ओर से प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है। इसमें बिहार राज्य सहकारी बैंक के सुझावों को भी शामिल किया जाएगा। प्रस्तावित योजना से छोटे और सीमांत किसानों के साथ-साथ बटाईदारों के लिए भी मददगार साबित होने की उम्मीद जगी है।
प्रस्ताव को पहले मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। फिर इस प्रस्ताव पर वित्त विभाग से सहमति प्राप्त की जाएगी और इसके बाद प्रस्ताव पर सहमति के लिए मंत्रिमंपरिषद में भेजा जाएगा। आने वाले समय में योजना पनर अमल हुआ तो किसानों को एक लाख रुपये और पैक्सों को पांच लाख रुपये तक ब्याजरहित ऋण की सुविधा मिल सकती है।
यह होगा लाभ
शून्य ब्याज पर ऋण मिलने से किसान होंगे प्रोत्साहित
बैंकों का चक्कर लगाने से बच सकेंगे किसान
अल्पकालीन कृषि ऋण सुविधा से खेती-किसानी को प्रोत्साहन मिलेगा
पैक्सों को भंडारण निर्माण के लिए भी उपलब्ध होगा ऋण
किसानों के लिए इस योजना का लाभ, फसल के नुकसान पर ऋण भुगतान का दवाब नहीं रहेगा
योजना सभी किसानों को फसलों के लिए सुरक्षा कवच प्रदान करेगी
Input: Daily Bihar