थानों में फरियाद लेकर पहुंचनेवाली महिलाओं को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। उनकी मदद के लिए महिला पुलिस अफसर या जवान मुस्तैद रहेंगी। थानों में महिला हेल्प डेस्क जल्द ही पूरी दमखम से काम करने लगेगा। फिलहाल पांच सौ थानों में महिला हेल्प डेस्क के लिए जरूरी सामान की खरीदारी को मंजूरी दे दी गई है। इसपर 5 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। गृह विभाग ने इसके लिए राशि मंजूर कर दी है।
थाना आनेवाली महिलाओं को दी जाएगी मदद
राज्य के सभी थानों में महिला हेल्प डेस्क बनना है। महिला हेल्प डेस्क बनाने का मकसद वहां आनेवाली आधी आबादी की मदद करना है। हेल्प डेस्क पर मौजूद महिला पुलिस अफसर या सिपाही उन्हें अपने पास बैठाएंगी और उनकी समस्याओं को ध्यान से सुनेंगी। इसके बाद उचित कानूनी मदद मुहैया कराई जाएगी। हेल्प डेस्क द्वारा आधी आबादी को सिर्फ कानूनी सहायता ही मुहैया नहीं कराई जाएगी, बल्कि हल्के-फुल्के घरेलू झगड़े-झंझट को टालने का भी प्रयास किया जाएगा। इसके लिए समाज कल्याण विभाग की मदद से काउंसलर की सहायता भी उपलब्ध होगी। पारिवारिक झगड़ों को दूर करने के लिए काउंसिलिंग की भी व्यवस्था वहां रहेगी। यदि काउंसिलिंग से बात नहीं बनी तो उचित कानूनी कार्रवाई होगी।
निर्भया फंड से खर्च की जाएगी राशि
फिलहाल राज्य के पांच सौ थानों में महिला हेल्प डेस्क के लिए जरूरी साजो-सामान की खरीदारी को मंजूरी दे दी गई है। थानावार एक लाख रुपए के सामान खरीदे जाएंगे। इसमें 1 एंड्रॉयड मोबाइल, 10 कुर्सी, 2 टेबल, 1 डेस्कटॉप कम्प्यूटर, स्कैनर प्रिंटर, लैंड लाइन फोन के अलावा जागरूकता के लिए पोस्टर-बैनर का निर्माण भी शामिल होगा। महिला हेल्प डेस्क केन्द्र सरकार की नई योजना है। हेल्प डेस्क के लिए जरूरी साजो-सामान की खरीद पर जो खर्च होगा वह निर्भया फंड से किया जाएगा। गृह विभाग ने इसकी इजाजत देते हुए 5 करोड़ रुपए की राशि भी जारी कर दी है। जल्द ही पांच सौ थानों में महिला हेल्प डेस्क पूरी मजबूती से काम करने लगेगा।
Input: Daily Bihar