1947 में भारत विभाजन के दौरान कई लोग अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से बिछड़ गए थे. सरदार गोपाल सिंह और मुहम्मद बशीर ऐसे ही दो नाम हैं. 74 साल बाद जब ये दोनों दोस्त करतारपुर के गुरद्वारा दरबार साहिब में मिले तो भावुक हो गए. पकिस्तान के नरोवाल में रहने वाले 91 साल के बशीर को नहीं पता था कि वो भारत में रहने वाले अपने दोस्त गोपाल से कभी मिल पाएंगे. 94 साल की उम्र में सरदार गोपाल के लिए भी बशीर से इस तरह मिलना भावुक करने वाला रहा.
Sardar Gopal Singh, 94 from India & 91 year old Muhammad Bashir from Narowal were separated in 1947 due to partition and met once again in Kartarpur, #Pakistan.
Both hugged each other having moist eyes when they saw each other after 74 years pic.twitter.com/Jn6DLVLPbc
— Aarif Shah (@aarifshaah) November 22, 2021
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों ने एक-दूसरे को देखते ही गले से लगाया और अपने पुराने दिनों की यादों में डूब गए. दोनों ने बचपन की हर छोटी-बड़ी चीज़ को याद किया. दोनों दोस्तों ने अपने-अपने मुल्कों की सरकारों का शुक्रिया भी किया, जिनके कारण करतारपुर कॉरिडोर प्रोजेक्ट शुरू हुआ और उन्हें जिंदगी के इस पड़ाव पर एक-दूसरे से मिलने का मौका मिला. सोशल मीडिया पर सरदार गोपाल सिंह और मुहम्मद बशीर की मुलाकात की चर्चा है.
Religion and pilgrimage aside for a moment… this is a heart-warming story from Kartarpur Sahib ❤️❤️
The Kartarpur Corridor reunited two nonagenarians friends, Sardar Gopal Singh (94) from India and Muhammad Bashir (91) from Pakistan. They had got separated in 1947. pic.twitter.com/VnKoxhKxLb
— Harjinder Singh Kukreja (@SinghLions) November 22, 2021
लोगों ने दोनों दोस्तों के मिलने पर खुशी जताई. साथ ही इस मिलन को दिल छू लेनी वाली कहानी करार दिया. गौरतलब हो कि गुरुपर्व से पहले ही पाकिस्तान के साथ करतारपुर कॉरिडोर फिर से खुल गया है. पंजाब के गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक साहिब से पाकिस्तान में दरबार सिंह साहिब गुरुद्वारा को जोड़ने वाला सिख तीर्थ गलियारा मार्च 2020 से कोरोना वायरस महामारी के कारण बंद था.
Input: Indiatimes