PATNA : पटना में सबसे ज्यादा गड़बड़ है, यहां ठीक कीजिए – सीएम, पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों से बोले मुख्यमंत्री, कार्रवाई शुरू किये हैं तो यह आखिरी नहीं है, बिहार में शराबबंदी सफल होगी तो और जगहों पर भी होगी, शराबबंदी को प्रभावी बनाने के लिए कहा, शराब नहीं पीने की सबने शपथ ली है, इसे भूलिएगा नही, ज्ञान भवन में नशा मुक्ति दिवस पर कार्यक्रम का हुआ आयोजन, मद्यनिषेध की दिलायी गयी शपथ, सवाल उठाने वालों को दिया करारा जवाब
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी पर सवाल उठाने वालों को करारा जवाब दिया। मालूम हो कि हाल में भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल और कुंदन सिंह ने शराबबंदी की समीक्षा करने की बात कही थी। वहीं चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने कहा था कि बाहर से आने वालों को होटलों में शराब पीने की अनुमति मिलनी चाहिए। साथ ही, बिहार में गुजरात मॉडल की वकालत की थी। मख्यमंत्री ने कहा कि बाहर से आने वालों की छूट की बात कही जा रही है। इससे गलत बात कुछ और नहीं हो सकती।
जहरीली शराब को लेकर हाल की घटना की चर्चा करते हुए कहा कि दारू पीया, इसलिए मरा। जो लोग दारू पीने गये उन्हें खराब दारू मिली। इस पर कुछ लोग चिंता प्रकट कर रहे थे कि खराब दारू मिली। तो क्या अच्छी दारू मिलनी चाहिए थी? इसका मतलब उनके अनुसार दारू मिलनी चाहिए क्या? मुख्यमंत्री ने कहा कि एक-एक आदमी को समझना चाहिए कि दारू नहीं पीयें। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सर्व सम्मिति से पारित हुआ।
अभी कुछ लोगों की बात सुनते हैं तो हमें आश्चर्य होता है। आखिर गड़बड़ बयान देने का मतलब क्या है? यह सब दिमाग में है कि शराब मिल जाये। कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि भूल जाते हैं क्या? शराबबंदी का प्रस्ताव निबंधन एवं उत्पाद विभाग से आया था और इस विभाग के मंत्री किस पार्टी के थे? वर्ष 2016 में बहुत मजबूती के साथ इसके पक्ष में वे लोग बोलते थे। हमसे मिले तो कहे कि शहरी क्षेत्र में काहे अभी बंद नहीं कर रहे हैं। वहीं, अब उस पार्टी का एक-दो आदमी इसके खिलाफ बोलते हैं तो आश्चर्य होता है। यह कभी नहीं करना चाहिए।
input:daily bihar