22 नवंबर को संदीप ने पुलिस को बताया था, ‘हमारी टीम में विशाल, अंशु और परमेंद्र भी थे। सभी अयूब खान के साथ रहते थे। अयूब द्वारा चिह्नित लोगों से पैसा वसूली करते और उसे पहुंचाते थे। टीम में अयूब खान सभी साथियों का हेड है।
वह विशाल और परमेंद्र को अधिक मानते थे। दोनों को बड़े भाई ने एक ही दिन काली रंग की दो स्कॉर्पियो दी थी। इसके बाद से ही दोनों पैसों की वसूली में बेईमानी करने लगे और बड़े भाई के नाम पर अलग से रंगदारी का पैसा वसूली करने लगे थे। बड़े भाई को रास्ते से हटाने की बात भी जहां-तहां करने लगे थे। इसके बाद ही बड़े भाई ने विशाल, अंशु और परमेंद्र यादव को ठिकाने लगा दिया।’
वहीं, संदीप के इस खुलासे से तीनों के परिजन सहमत नहीं है। उनका कहना है कि पुलिस उनकी खोजबीन जारी रखे और वापस लाए। आज हम आपको बता रहे हैं विशाल कुमार सिंह, अंशु कुमार और परमेंद्र यादव के बारे में, जिनका 20 दिनों से कुछ भी पता नहीं है…
दरअसल, 20 दिन पहले 7 नवंबर को विशाल सिंह, अंशु कुमार और परमेंद्र यादव दोपहर 12 बजे विशाल सिंह के काले रंग की स्कार्पियो से घर से निकले थे। इनकी गाड़ी अगले दिन सुबह गोपालगंज के सबेया मोड़ पर लावारिस हालात में मिली। इसके बाद से तीनों का अब तक कोई पता नहीं चल सका है। परिजनों ने इसके संबंध में अपने-अपने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
विशाल सिंह (27) सीवान के हुसैनगंज थाना इलाके के हरिहान्स गांव का रहने वाला है। वह अपने परिवार के साथ सीवान नगर थाना के रामनगर स्थित ननिहाल में रहता है। उसके पिता अखिलेश सिंह प्राइवेट नौकरी करते हैं। मां सुनीता सिंह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है। विशाल सिंह 2 भाई और 2 बहनों में दूसरे नंबर पर हैं। विशाल पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। वो बचपन में ही एक मामले में जेल जा चुका है। विशाल ने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की है। फिलहाल वह 4 सालों से प्रॉपर्टी डीलर का काम कर रहा था।
परमेंद्र यादव (28) सीवान के जीरादेई थाना इलाके के भरौली गांव का रहने वाला है। वो शादीशुदा हैं। उसके 3 बच्चे हैं। परमेंन्द्र दो भाई हैं। बड़ा भाई मजदूरी करते हैं। उसके पिता मैनेजर यादव के अनुसार, परमेन्द्र 2 माह से विशाल सिंह की गाड़ी चला रहा था। वो 5-6 दिन बाद घर लौटता था, लेकिन फोन पर हमेशा परिवार के संपर्क में रहता था। उसकी पत्नी बबिता देवी सदमे में है।
अंशु कुमार सिंह (23) सीवान के हुसैनगंज थाना इलाके के पैगम्बरपुर गांव का रहने वाले उपेंद्र सिंह का पुत्र है। उसने RIMT यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से B.Tech की पढ़ाई की है। 6 माह से वह गांव में ही गौ पालन कर रहा था। उसके बड़े भाई अमित सिंह के अनुसार, वो 7 नवंबर को 12 बजे के करीब किसी के फोन आने पर घर से निकला, उसके बाद से कोई संपर्क नहीं हुआ।
गिरफ्तार संदीप कुमार ने पुलिस को बताया है, ‘मेरा मुख्य पेशा जमीन की दलाली है।’ संदीप कुमार को 2 साल की एक बेटी और 4 वर्ष का एक बेटा युवराज है। परिवार में पत्नी रुचि कुमारी सिंह के अलावा मां-पिता, दो भाई हैं। संदीप कुमार डीएवी उच्च विद्यालय सीवान का छात्र रहा है और उसने JP यूनिवर्सिटी छपरा से B.COM किया है।
Input: Daily Bihar