छात्र से डॉन कैसे बना पप्पू देव, जानें INSIDE STORY: बाइक छिनतई से अपराध की दुनिया में आया, कारोबारी से ले चुका था 1 करोड़ की फिरौती : कोसी के डॉन पप्पू देव की मौत मामले में पुलिस और समर्थक आमने-सामने हैं। पुलिस के अनुसार, मौत हार्ट अटैक से हुई, जबकि समर्थकों का कहना है कि हिरासत में लाठी-डंडों से हुई पिटाई में उनकी मौत हुई। आइए जानते हैं पप्पू देव के छात्र से अपराधी बनने की कहानी। पप्पू देव की इंटर तक की पढ़ाई पूर्णिया में हुई थी। बाइक छिनतई की घटनाओं से अपराध की दुनिया में प्रवेश करने वाला पप्पू समय के साथ एक से बड़े एक आपराधिक वारदातों को अंजाम देता चला गया।
सहरसा के डीबी रोड स्थित अनुराग वस्त्रालय में दिनदहाड़े AK-47 से गोलियों की बौछार कर कई लोगों को मौत के घाट उतारने के बाद इसके नाम का खौफ सहरसा में चारों ओर फैल गया था। बताया जाता है कि पप्पू देव ने नेपाल के बड़े उद्योगपति तुलसीराम अग्रवाल का अपहरण कर उनके परिजन से 1 करोड़ रुपए की फिरौती भी वसूली थी।
सहरसा में कुख्यात पप्पू देव की रविवार अहले सुबह पुलिस हिरासत में मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि शनिवार रात पप्पू देव और उसके गुर्गों के साथ पुलिस मुठभेड़ हुआ था। इसमें जमकर गोलीबारी हुई। मुठभेड़ के बाद ही पुलिस ने पप्पू देव को गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसने सीने में दर्द की शिकायत की। पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
बिहार पुलिस ने 50 हजार का इनाम भी रखा था
संजय देव उर्फ पप्पू देव के नाम का खौफ न सिर्फ कोसी, सीमांचल बल्कि बिहार से बाहर नेपाल तक में था। नेपाल, पूरे बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश तक अपराध की दुनिया में अपनी धमक रखने वाले पप्पू देव दूसरी बार पुलिस की गिरफ्त में आया था। बिहार पुलिस ने पप्पू देव पर 50 हजार का इनाम भी रखा था। इसे जिंदा या मुर्दा पकड़ने के लिए एड़ी-चोटी की जोड़ लगाने वाली बिहार पुलिस के दो दारोगा 1994 बैच के थानाध्यक्ष मिराज हुसैन और राजकिशोर इनकी गोलियों के शिकार भी हो चुके थे।
संजय देव उर्फ पप्पू देव के नाम का खौफ न सिर्फ कोसी, सीमांचल बल्कि बिहार से बाहर नेपाल तक में था। (फाइल)
संजय देव उर्फ पप्पू देव के नाम का खौफ न सिर्फ कोसी, सीमांचल बल्कि बिहार से बाहर नेपाल तक में था। (फाइल)
सीवान में भी चार लोगों की हत्या की थी
मोकामा में रजिस्टार की हत्या, हाथीदह के पास एक पूर्व मुख्यमंत्री के समधी की कार छीनना, जोगबनी में भगवान यादव की हत्या जैसे बिहार के सबसे बड़े चर्चित आपराधिक वारदात को अपने नाम करता गया। बचपन के दोस्त टोलबा सिंह की मुजफ्फरपुर के भगवानपुर के पास हत्या या फिर अत्याधुनिक हथियार के सौदेबाजी में सीवान में चार लोगों की हत्या को पप्पू देव ने बेहिचक अंजाम देकर बिहार के अपराध जगत में उस वक्त कोहराम मचा दिया था। पप्पू देव के एक साथी भागलपुर के थाना बिहपुर निवासी वोरहन राय को STF ने मुठभेड़ में मार गिराया था। उसके पास से दो AK-47 भी बरामद किया गया था।
जानकारों के मुताबिक, जब पप्पू देव जरायम की दुनिया में दबिश दी तो उसे जोगबनी में भोला तिवारी और मनोज देव, खगड़िया में बुलेट सिंह, बेगूसराय में फंटूश सिंह, मोकामा में सूरजभान सिंह, बाढ़ में टुन्नी सिंह का शागिर्द प्राप्त हुआ था। बाद में सूरजभान से अनबन हुआ तो श्रीप्रकाश शुक्ला से संपर्क बढ़ा।
Input: Daily Bihar