मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल परिसर में संचालित नशा मुक्ति केंद्र को दोबारा चालू किया गया है। सोमवार को आउटडोर में नशा सेवन का एक मरीज आया। उसको दवा दी गई। सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा ने बताया कि अब नियमित नशा मुक्ति केंद्र चलेगा। वह खुद इसकी निगरानी करेंगे।
नशा वाले मरीज यदि यहां पर आएंगे तो उनका निशुल्क इलाज होगा तथा दवा भी दी जाएगी। इसके लिए रोस्टर जारी किया गया है। इसको चालू होने से निजी अस्पताल मे जाकर इलाज कराने की मजबूरी नहीं होगी।
इस तरह से बना रोस्टर
नशा मुक्ति केंद्र के संचालन के लिए मेडिसिन विभाग के डा.एसके पांडेय तथा डा.गौरव कुमार की पदस्थापना की है। इसके साथ वहां पर कक्ष सेवक हरिकेश यादव, किरण वर्मा, कामिनी कुमारी, शुभम शर्मा, ब्रजेश कुमार पांडेय, इरफान को रोस्टर के हिसाब से सुबह आठ बजे से लेकर सुबह आठ बजे तक अपनी सेवा देंगे। काउंसिङ्क्षलग का दायित्व श्वेता कुमारी को सौपा गया है। एएनएम संजू कुमारी को प्रभारी बनाया गया है। वह सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक वहां पर कार्य पर उपस्थित रहेंगी। नशामुक्ति केंद्र में 20 बेड की व्यवस्था है।
2016 में हुई थी स्थापना
नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना सदर अस्पताल में 1 अप्रैल 2016 को हुई थी। उस समय पूरे तामझाम से उसका आगाज हुआ। यहां पर चिकित्सक की तैनाती का 24 घंटे का रोस्टर बना। जरूरी दवा को रखा गया। आउटडोर पर स्मैक, चरस, अफीम के लती लोग आकर इलाज कराते थे। शराब का लत छुड़ाने के लिए भी स्वजन यहां पर लाकर भर्ती कराते रहे। यह सेंटर 10 जुलाई 2020 तक चला। इस बीच 713 मरीजों का इलाज हुआ,जिसमें भर्ती 50 लोग हुए। उनका इलाज किया गया। लेकिन जब से सेंटर बंद हो गया उसके बाद से यहां पर मरीज का आना बंद हो गया।