बियाडा फेज दो की फैक्टरी में विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि पूरे शहर में लोगों ने भूकंप जैसे झटके महसूस किए। कई लोगों के घर में टीवी गिर गए और खिड़कियों के शीशे टूटे गए। बेला और मिठनपुरा के लोग झटका लगने के बाद घरों से निकलकर बाहर आ गए। हर कोई एक-दूसरे से भूकंप का झटका महसूस करने के बारे में पूछने लगा। पांच किलोमीटर दूर कच्ची पक्की और जीरोमाइल तक के मकान हिल गए। बेला और धीरनपट्टी में कई फैक्टरी व मकानों की दीवारें दरक गईं। विस्फोट के बाद फैक्टरी के शेड व दीवार के मलबे धीरनपट्टी और दिघरा गांव तक जाकर गिरे।
करीब आधा घंटे बाद ईशान स्नेक्स एंड नमकीन प्रा. लि. में ब्वॉयलर फटने की जानकारी हुई। करीब आठ टन के ब्वॉयलर का टुकड़ा टूटकर 100 मीटर ऊपर हवा में उछला और समाचार पत्र के छापाखाने पर गिरा। स्नैक्स फैक्टरी के बगल में ही धरती एग्रो फूड प्रोडक्ट नामक चूड़ा फैक्टरी है। इसका पिछला हिस्सा पूरी तरह उड़ गया। दो फैक्ट्रियों के उड़ने वाले शेड के चदरे हवा में उड़कर अलग-अलग फैक्ट्रियों पर गिरे। बेला में पेड़ पर भी शेड के चदरे अटके थे। ईशान स्नैक्स फैक्टरी से 150 मीटर दूर उषा पॉली प्लास्ट है। ब्वॉयलर का ऊपरी भाग इस फैक्टरी में गिरने पर चहारदीवारी क्षतिग्रस्त हो गई। स्नैक्स फैक्टरी के बगल में चूड़ा फैक्टरी में काम कर रहे दो लोगों की मौत हो गई और पांच लोग जख्मी हो गए। बड़ी संख्या में मजदूर व फैक्टरी कर्मियों के हताहत होने की सूचना पर शहर के हर मोहल्ले से लोग बेला पहुंचने लगे। भीड़ के कारण विस्फोट वाली फैक्टरी तक बचाव व राहत में आने वाली प्रशासनिक गाड़ियों का पहुंचना मुश्किल हो गया। आधा घंटा की मशक्कत के बाद किसी तरह मिठनपुरा, बेला व नगर पुलिस मौके पर पहुंची। फैक्टरी से निकाले गये घायलों को गाड़ी से लादकर सदर अस्पताल पहुंचाया गया।
स्थानीय लोग और बेला पुलिस ने घायलों को पहुंचाया अस्पताल :
मौके पर पहुंचे लोगों ने बेला फैक्टरी में फंसे घायलों को बाहर किसी तरह बाहर निकाला। घायलों को गाड़ियों पर अस्पताल पहुंचाने की जद्दोजहद शुरू हुई। कुछ घायलों को स्थानीय फैक्टरी कर्मियों ने अस्पताल पहुंचाया। मौके पर पहुंची तीन थानों की पुलिस ने गाड़ियों से गंभीर रूप से घायल मजदूरों को अस्पताल लेकर भागे।
बेला की स्नैक्स फैक्टरी में ब्वॉयलर विस्फोट की घटना पर शाम में एटीएस के एडीजी रवींद्रन शंकरण पूरी टीम के साथ जांच के लिए पहुंचे। उनके साथ फायर सर्विस के आईजी जीतेंद्र प्रसाद भी थे। घटनास्थल का एटीएस व फायर सर्विसेज के अधिकारियों की टीम ने मुआयना किया। जांच करने के साथ टीम ने राहत व बचाव कार्य को देखा। चारों तरफ जानकारी जुटाने के बाद टीम लौट गयी। हालांकि टीम ने हादसे से इतर अन्य हर तरह की आशंकाओं को प्रारंभिक तौर पर खारिज किया। मौके पर एफएसएल की टीम ने भी जांच की। ब्वॉयलर के वॉल्व वाले भाग की जांच एफएसएल करेगी। ब्वॉयलर का वॉल्व वाला ऊपरी भाग विस्फोट के बाद उषा पॉली प्लास्ट नामक फैक्टरी में गिरा हुआ था, इसे जब्त किया गया है। ब्वॉयलर का एक भाग एक अखबार के छापखाने गिरा था। इसकी जांच भी की गई। एटीएस एडीजी और आईजी फायर सर्विस के पहुंचने पर एसएसपी जयंतकांत एवं अन्य अधिकारियों ने हादसा के के संबंध में प्रारंभिक तौर पर सामने आयी एक-एक बातें विस्तार से बताईं।
हादसे के बाद स्नैक्स फैक्टरी से संबंधित कागजातों की जांच-पड़ताल शुरू कर दी गई है। फायर ब्रिगेड के पदाधिकारियों की मानें तो फैक्टरी में छह महीने के अंदर एक बार भी सुरक्षा को लेकर ऑडिट नहीं कराया गया था। ना ही फैक्टरी में ऑडिट को लेकर फायर ब्रिगेड से एनओसी के लिए आवेदन किया है।
मौके पर पहुंचे होमगार्ड व फायर ब्रिगेड के डिस्ट्रिक कमांडेंट गौतम कुमार ने बताया कि फिलहाल लाश को मलबे से निकाला जा रहा है। रेस्क्यू में फायर ब्रिगेड की टीम भी एसडीआरएफ के साथ लगाई गई है। फैक्टरी के सुरक्षा मानकों की जांच भी प्रारंभिक तौर पर की गई है। इसमें कई त्रुटि मिली है। सुरक्षा ऑडिट भी लंबे समय से नहीं हुआ था। इसे लेकर फैक्टरी मालिक को नोटिस भेजी जाएगी। उनके पक्ष को सुना जाएगा। पक्ष नहीं आने पर फैक्टरी मालिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी व बिहटा स्थित मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा जाएगा।।