एसकेएमसीएच में दोहपर दो बजे धर्मनाथ साह अपने बड़े भाई अमरनाथ साह को खोज रहा था। एसकेएसमीएच में पड़े सात शवों में उसका भाई नहीं था। भाई की खोज में वह पहले इमजरेंसी में गया फिर शवों के पास।
जब कहीं उसका भाई नहीं मिला तो वह बेचैन हो गया। बार-बार वह अपने घर पूछ रहा था कि जाते वक्त भाई ने कौन से कपड़े पहने थे। भाई के नहीं मिलने से परेशान धर्मनाथ एसकेएमसीएच के एक कोने से दूसरे कोने तक भटक रहा था। जब उसे भाई का पता नहीं चला तो अमरनाथ साह की सास भी वहां पहुंच गयी और अस्पताल के एक-एक कर्मचारी से अपने दामाद के बारे में पूछने लगी। करीब एक घंटे बाद अमरनाथ साह की हादसे में मौत की खबर आयी तो उसकी सास वहीं बेसुध हो गयी।
धर्मनाथ के साथ ही शिव कुमार भी अपने छोटे भाई अजीत को खोज रहा था। अजीत फैक्ट्री में काम करता था और उसकी उम्र सिर्फ 19 वर्ष थी। बार-बार खोजने पर जब अजीत का पता नहीं चलता तो उसका भाई इमरजेंसी में ही जाकर बैठ गया।
एसकेएमसीएच में चारों तरफ लोगों की चींख-पुकार :
बेला फैक्ट्री में हादसे के बाद पूरा एसकेएमसीएच हादसे में घायल लोगों के परिजनों की चींख-पुकार से गूंज रहा था। अपनों के खोने का दुख अस्पताल में चारों तरफ पसरा था। अस्पताल की इमरजेंसी के बाहर लोगों की भीड़ लगी थी। कुछ लोग जो जख्मी थे, वह अस्पताल की इमरजेंसी के ऊपरी वार्ड में भर्ती थे। हादसे की खबर मिलने पर उनके रिश्तेदार उन्हें फोन कर हाल जान रहे थे। फोन आने पर जख्मी लोग बता रहे थे कि उनकी हालत ठीक है। एसकेएसमसीएच में लोगों की भीड़ के कारण शवों को पीछे के रास्ते पोर्स्टमार्टम हाउस भेजा गया।
तीन लोगों की हुई शिनाख्त :
बेला हादसे में मौत के बाद सात लाशें एसकेएसमीएच में पहुंची थीं। इनमें तीन की शिनाख्त की गयी, जिनमें पूर्वी चंपारण के शिकारपुर निवासी प्रकाश राय और दो मुशहरी के रहने वाले संदीप कुमार और विनोद राय शामिल हैं। एसकेएमसीएच के सुमन जी झा ने बताया कि जिनकी शिनाख्त हो गयी, उनके शव परिजनों को सौंप दिये गये हैं। हालांकि प्रकाश राय के परिजन देर शाम तक अस्पताल में नहीं पहुंचे थे। बेला फैक्ट्री हादसे के बाद मुजफ्फरपुर फॉरेंसिक जांच की टीम भी एसकेएसमीएच पहुंची। टीम ने अस्पताल अधीक्षक डॉ. बाबू साहेब झा से बातचीत की। जानकारी के अनुसार शवों की डीएनए जांच भ्की जायेगी।