बिहार सरकार के मुखिया नीतीश कुमार ने 16 नवंबर 2021 को शराबबंदी पर एक हाई लेवल मीटिंग बुलाई थी. मीटिंग के बाद स्थिति बदली. राज्य के सभी जिलों में उत्पाद विभाग और मद्य निषेध विभाग सक्रिय हुआ. हजारों गिरफ्तारियां हुईं. गिरफ्तार के बाद कुछ को जमानत मिली, लेकिन ज्यादातर लोग जेल भेजे गए. अब समस्या यहीं से शुरू हुई. शराबी कैदियों की संख्या जेलों में बढ़ गई और पहले से जेलों में सजा काट रहे कैदी परेशान हो गए, क्योंकि जेलों में क्षमता से दोगुना ज्यादा कैदी भर गए हैं.
बिहार की राजधानी पटना में स्थित आदर्श कारा बेउर की स्थिति और भी चिंताजनक है. पहले से ही विभिन्न अपराधों और कांडों में ज्यादा कैदी जेल में बंद हैं. ऊपर से शराबबंदी कानून को लेकर हुई सख्ती के बाद कैदियों की संख्या अचानक बढ़ गई है. बेउर जेल में कुल 5500 से ज्यादा कैदी हैं. इनमें से 21 सौ से ज्यादा शराब पीने और तस्करी करने के आरोप में बंद हैं. बिहार सरकार ने जब से केके पाठक के हाथों में कमान सौंपी है, तब से जेलों में शराबी कैदियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.
संसाधन कम, उपभोगी ज्यादा
आलम ये है कि जेलों में संसाधन पहले की तरह ही मौजूद हैं. कैदियों की संख्या बढ़ने के बाद सुविधाओं में उस तरह की बढ़ोतरी नहीं हुई है. दबी जुबान से जेलों में पदस्थापित अधिकारी डर के मारे कुछ नहीं बोलते , लेकिन इशारों में उनका साफ कहना है कि यही स्थिति रही, तो बिहार के जेल नारकीय स्थिति में तब्दील हो जाएंगे. क्योंकि लगातार गिरफ्तारियों से जेलों पर बोझ बढ़ता जा रहा है. यहीं स्थिति बिहार के अन्य जिलों के जेलों की है, जहां भारी संख्या में शराबी कैदी पहुंच रहे हैं.ADVERTISEMENT
नये साल को लेकर बढ़ी जेलों की चिंता
जेल में पदस्थापित अधिकारियों की सबसे बड़ी चिंता न्यू ईयर को लेकर है. जेल के सूत्रों का कहना है कि नए साल में शराब पीने वाले मानेंगे नहीं. जहां से मिलेगा वहां से पिएंगे और सरकार की सख्ती की वजह से पकड़े जाएंगे. उसके बाद उनकी संख्या में अचानक इजाफा होगा. जो जेलों में पहले से बंद कैदियों के लिए कष्टकारक सिद्ध होगा. वहीं, दूसरी ओर स्थिति ये है कि जब भी शराबी पकड़े जाते हैं, पुलिस उन्हें आनन-फानन में सबसे पहले जेल की ओर रवाना करती है. कई कांडों की सही तरीके से जांच नहीं की जाती, जो कारण है कैदियों की संख्या में इजाफा होने का.
सरकार ने नवंबर में जारी किए थे आंकड़े
बिहार सरकार ने नवंबर में एक आंकड़ा जारी कर बताया था कि जनवरी 2021 से अक्टूबर 2021 तक विशेष छापेमारी कर प्रदेश के जिलों में 49 हजार 900 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. जिसमें शराबी और शराब तस्कर शामिल थे. साथ ही इस दौरान कुल 38 लाख 72 हजार 645 लीटर अवैध शराब जब्त की गई थी. जिसमें 12 लाख 93 हजार 229 लीटर देशी शराब और 25 लाख 79 हजार 415 लीटर विदेशी शराब शामिल है. पुलिस और उत्पाद विभाग ने ये भी बताया कि कार्रवाई में 1 हजार 590 ऐसे लोग पकड़े गए थे, जो दूसरे राज्यों से आकर बिहार में शराब का सेवन कर रहे थे या फिर तस्करी कर रहे थे.
Input: DTW24