पति का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की जगह विभाग ने जीवित पत्नी का ही मृत्यु प्रमाण पत्र बना दिया है। वृद्ध महिला इसकी शिकायत लेकर अधिकारियों के पास पहुंची। मामला रीगा प्रखंड क्षेत्र का है, जहां संग्राम फंदह वार्ड 17 निवासी स्व. गणेश पासवान की पत्नी मुसमात कुंती देवी 3 साल 7 माह से वृद्धा पेंशन को लेकर मुखिया समेत प्रखंड कार्यालय के अधिकारी और कर्मियों का चक्कर लगा रही है।
2017 में पति की हुई थी मृत्यु : मुसमात कुंती देवी बताती है कि 22 मार्च 2017 को पति गणेश पासवान की मृत्यु हो गई थी। उसका मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए स्थानीय प्रखंड कार्यालय में आवेदन दिया था। इसके तकरीबन दो माह बाद तत्कालीन पंचायत समिति सदस्य पति संतोष पासवान द्वारा मृत्यु प्रमाणपत्र के नाम पर एक कागज लाकर दे दिया गया था। वह पढ़ी-लिखी नहीं है। इस कारण वो नहीं जान सकी कि यह कागज मृत्यु प्रमाणपत्र का है। कुछ दिनाें के बाद परिजनों व कुछ लोगों ने वृद्धा पेंशन के लिए आवेदन देने की बात कही। कुंती देवी योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन और संबंधित कागजात लगाकर प्रखंड कार्यालय पहुंची, तो उसे वृद्धा पेंशन का लाभ न मिलने की बात कही गई। कारण पूछे जाने पर बताया गया कि ये खुद उसके मृत होने का प्रमाणपत्र है
कुंती ने कहा- अब हाैसला जवाब देने लगा
कुंती देवी इसके बाद तत्कालीन पंचायत समिति सदस्य पति संतोष पासवान के पास गई, जहां उनके द्वारा बताया गया कि प्रखंड कार्यालय में तुम्हारा कागज पड़ा था तो लाकर दे दिया। इस संबंध में हमको कुछ पता नहीं है। कुंती प्रखंड कार्यालय गई तो वहां कभी उसे किसी कर्मी तो कभी किसी कर्मी के पास भेज दिया गया। कुंती ने बताया कि अब उसका हौसला जवाब देने लगा है।।
आंगनबाड़ी सेविका के नाम प्राप्त होना चाहिए आवेदन
डुमरा कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक कुमार बताते हैं कि 21 दिनों के अंदर जन्म मृत्यु का आवेदन आंगनबाड़ी सेविका के नाम प्राप्त होना चाहिए, जो अपने हस्ताक्षर से निबंधन का प्रमाण पत्र निर्गत करेगी। इसके लिए प्रपत्र 1, 2, 5 व 6 में सूचना दर्ज करानी होगी। 30 दिनों के बाद जन्म मृत्यु निबंधन हेतु शपथ पत्र व पांच रुपए विलंब शुल्क तथा एक वर्ष के बाद दस रुपए विलंब शुल्क के साथ शपथ पत्र देने का प्रावधान है। प्रत्येक माह की 30 तारीख को प्रतिवेदन के रूप में प्रखंड स्तर पर सभी रजिस्ट्रार व उप रजिस्ट्रार को प्रपत्र 1-2 का उपलब्ध कराना अनिवार्य है। इसे सांख्यिकी विभाग के द्वारा जिला में प्रेषित किया जाता है।
^मामले की जानकारी नहीं थी। मामला बेहद लापरवाही पूर्ण है। इसकी जांच की जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई करवाने के लिए अनुशंसा की जाएगी। – खुशबू कुमारी, पंचायत समिति सदस्य, संग्रामफंदह, रीगा।
मामला बेहद गंभीर है। जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र एक सरकारी कागजात होता है। इसे सभी संबंधित कागजात और कोर्ट के शपथ पत्र के आधार एवं जांचोपरांत जारी किया जाता है। उक्त मामले की जांच की जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
Input: DTW24