एलएस कॉलेज के पास छात्र यासिर अराफात की हत्या में शनिवार को काजी मोहम्मदपुर थाने में एफआईआर दर्ज हुई। मां शबनम खातून के बयान पर छह को नामजद किया गया है।
इसमें ड्यूक हॉस्टल के छात्र हर्ष कुमार, गोलू, प्रीतम, ऋषि, विक्रम और माड़ीपुर के अब्दुल सत्तार को आरोपित बनाया है। पोस्टमार्टम के बाद शव माड़ीपुर स्थित घर पर पहुंचते ही भीड़ जमा हो गई। सुबह से ही पुलिस बल को तैनात किया गया था। एसएसपी जयंतकांत और एसडीओ पूर्वी ज्ञान प्रकाश ने पीड़ित परिवार से मिलकर आरोपितों पर सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया।
एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने एक आरोपित के परिजन समेत दो लोगों को पूछताछ के लिए उठाया है। वहीं, पुलिस ने शुक्रवार की रात हिरासत में लिए उत्कर्ष को मुचलके पर छोड़ दिया है। एफआईआर में शबनम खातून ने आरोप लगाया है कि अब्दुल सत्तार ने यासिर को कॉल कर बुलाया था। दोनों में दोस्ती थी। शुक्रवार शाम चार बजे यासिर घर से निकला था। एक घंटे बाद शाम पांच बजे उसकी हत्या कर दिए जाने की सूचना मिली। हालांकि, शबनम खातून आरोपितों की यासिर से दुश्मनी व हत्या का कारण नहीं बता पाई है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, उत्कर्ष भी यासिर के दोस्तों में से है। उसने यासिर को बताया था कि गोलू व रविकेश उसे खोज रहे हैं। गोलू ने ही अब्दुल सत्तार के जरिए कॉल कर यासिर को बुलवाया था। पहले दोनों गुटों में जमकर मारपीट हुई थी। इसके बाद यासिर को गोली मारी गई।
माड़ीपुर में भीड़ जमा होने पर कई थानों की पुलिस बुलाई गई
यासिर का शव घर पहुंचने के बाद माड़ीपुर के वार्ड आठ, नौ और 10 से बड़ी संख्या में लोग जुट गए। प्रभारी डीएसपी राजेश शर्मा ने भीड़ बढ़ने के बाद कई थानों की पुलिस को माड़ीपुर बुलाया। पुलिस कार्रवाई की जानकारी परिवार व लोगों को दी गई। हम के जिलाध्यक्ष, जदयू नेता मो. जमाल, शरीफुल हक, वार्ड पार्षद अनामुल हक, पूर्व वार्ड पार्षद मोख्तार ताबिश आदि ने लोगों को समझाकर शांत कराया। एसएसपी मृतक के परिजनों से मुलाकात के बाद घायल मो. रेहान के घर भी पहुंचे।