PATNA- मुंबई में संक्रमण तेज, वहां से अाने वाली पवन एक्स के मात्र 42 यात्रियाें ने कराई जांच, बाकी भाग गए : दरभंगा जंक्शन पर शुक्रवार की रात करीब 12.28 बजे मुंबई से पहुंची पवन एक्सप्रेस ट्रेन से उतरने वाले यात्रियों की कोरोना जांच में बरती गई प्रशासनिक लापरवाही की पोल खुल गई। व्यवस्था कितनी तगड़ी थी इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि सिर्फ 42 यात्रियों की ही जांच हुई। शेष बिना जांच कराए निकल गए। दूसरी लहर से समय मुंबई,दिल्ली व कोलकाता से आने वाले यात्रियों की कोरोना जांच के लिए प्लेटफार्म नंबर 1 पर 8 से 9 काउंटर थे। निकासी द्वारों को मोटी रस्सी से घेर दिया गया था,ताकि कोई यात्री बिना जांच के निकल नहीं पाए। जांच के लिए भारी भरकम व्यवस्था थी। सामान्य से लेकर रेलवे के पदाधिकारी, कर्मी व पुलिस की तैनाती थी। लेकिन शुक्रवार की रात सब कुछ सामान्य दिखा। जांच के लिए मात्र एक काउंटर था और यात्रियों को रोकने के लिए जीआरपी के मात्र तीन कर्मी थे।
जंक्शन पर शुक्रवार की रात करीब 12.15 बजे रहे थे। मुंबई आने वाली पवन एक्सप्रेस को लेकर जंक्शन पर कोई हलचल नहीं थी। सब कुछ आम दिनों की तरह था। सिर्फ रेलवे की ओर से किया जा रहा अनाउंसमेंट लोगों को जरूर सावधान कर रहा था कि कोरोना फैला हुआ है। इससे बचिए। मास्क लगाइए। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कीजिए। लेकिन यह सिर्फ अनाउंसमेंट तक ही सीमित था। अधिकांश यात्री बिना मास्क के दिखे। विश्रामालय में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही थीं। यात्री एक दूसरे के बगल में बैठे व सोए हुए थे। जीआरपी के पुलिसकर्मी बिना मास्क के घूम रहे थे। कोरोना टीका के लिए बनाए गए काउंटर पर तैनात तीन कर्मी भी बिना मास्क के थे।
यात्री व शिवनगर निवासी अखिलेश कुमार शर्मा ने बताया कि मुंबई में कोरोना फैल रहा है। काम धंधा बंद हो गया। इसलिए घर लौट रहे हैं। इटवा निवासी सुनील कुमार ने बताया कि वे वहां मजदूरी करते थे। कोरोना के कारण काम नहीं मिल रहा था। इसलिए घर लौट आए। साहो परड़ी के नजीर खान ने बताया कि बहन की शादी के लिए लड़का देखने के लिए आए हैं। बहन की शादी हो जाने के बाद मुंबई लौट जाएंगे। मधुबनी जिले के लक्ष्मीनिया निवासी संतोष कुमार करण ने बताया कि मुंबई से काम छूट जाने के कारण वापस घर आए हैं । यहां पर जो काम मिलेगा वहीं करेंगे। बाल बच्चा के साथ बिहार में रहकर ही अब कमाने का निर्णय लिया है। तरौनी निवासी अरुण कुमार झा ने बताया कि पूरे परिवार के साथ मुंबई से आए हैं। दोनों डोज ले चुके हैं। इसलिए जांच नहीं करवाई।
प्लेटफाॅर्म नंबर 1 पर यात्रियों के आने जाने के लिए 4 निकास द्वार हैं, यात्री आराम से बिना जांच कराए निकल रहे थे
मुख्य निकासी द्वारा के पास कोरोना जांच के लिए मात्र एक काउंटर था। जांच के लिए तीन कर्मी तैनात थे। तीनों बिना मास्क लगाए थे। जब इन्हें पता चला कि भास्कर टीम आई है तो तीनों ने मास्क लगाया। रात के 12.28बजे मुंबई से आने वाली पवन एक्सप्रेस प्लेटफार्म नंबर एक पर रुकती है। प्लेटफाॅर्म नंबर 1 पर यात्रियों के आने जाने के लिए चार निकासी द्वार हैं। यात्री आराम से बिना जांच कराए निकल रहे थे। जांच काउंटर के आसपास तैनात तीन जीआरपी कर्मी यात्रियों को जांच करवाने के लिए कह रहे थे। जिसपर कुछ यात्री जांच के लिए लाइन में लगे।
यात्रियों को रोकना रेलवे प्रशासन की जिम्मेदारी : सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ.अनिल कुमार ने बताया कि उनका काम कोरोना जांच के लिए काउंटर लगवाना एवं जांच के लिए कर्मियों की तैनाती का है। यात्रियों को रोकने के लिए जिम्मेदारी रेलवे प्रशासन की है। इस संबंध में उनके माध्यम से रेलवे को पत्र जारी किया जा चुका है।
व्यवस्था जिला प्रशासन को करनी है : स्टेशन अधीक्षक
स्टेशन अधीक्षक अशोक कुमार सिंह ने इस संबंध में कहा कि रेलवे का काम सहयोग करना है। जो हम कर रहे हैं। कोरोना से बचाव के लिए लगातार अनाउंसमेंट करवा रहे हैं। व्यवस्था करना जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है।
Input: Daily Bihar