Muzaffarpur में समय से नही मिले रही मरीजों को RT-PCR जांच रिपोर्ट, Portal पर देरी से अपलोड हो रही रिपोर्ट

आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट बुखार उतरने के बाद मिल रही है। इसकी शिकायत मरीज कर रहे हंै। कंट्रोल रूम में बोचहां इलाके के एक मरीज ने इसकी शिकायत की। जो स्वास्थ्य समस्या सामने आ रही है, उसके मुताबिक होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों से यह शिकायत मिल रही है कि जब उनका बुखार उतर गया, उसके बाद उन्हें आरटपीसीआर रिपोर्ट का मैसेज मिला।ज्यादातर मरीजों को कोरोना जांच के निगेटिव का मैसेज मिला है।

मरीजों का कहना है कि जबतक आरटीपीसीआर की रिपोर्ट नहीं आई थी, उनके मन में भय था। जानकारी के अनुसार आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट 24 घंटे में मिल जानी चाहिए, लेकिन यह पोर्टल पर देरी से अपलोड हो रही है, जिससे मरीजों को 72 घंटे में मैसेज मिल रहा है। एसकेएमसीएच हर रोज 1500 से दो हजार सैंपल की आरटीपीसीआर जांच की जा रही है। सैंपल मिलने के अगले ही दिन एसकेएमसीएच से रिपोर्ट विभाग को भेज दी जा रही है, लेकिन इसे पोर्टल पर देरी से अपलोड किया जा रहा है। इससे मरीजों को रिपोर्ट दो दिन बाद मिल रही है। सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा ने बताया कि एसकेएमसीएच से समय पर जांच रिपोर्ट मिल रही जिसे समय से पोर्टल पर लोड करने की जरूरत है। रिपोर्ट समय पर मिले, इसपर निगरानी रहनी चाहिए।

तेजी से बढ़ रही संक्रमितों की संख्या

कोरोना के नोडल अधिकारी डा. सीके दास और जिला कंट्रोल रूम प्रभारी डा.एसके पांडेय ने बताया कि तीसरी लहर पहली व दूसरी लहर से ज्यादा संक्रामक है। पहली लहर जब आई थी तब जून में एक हजार मरीज जिले में संक्रमित हुए थे। दूसरी लहर में भी सवा महीने के बाद हजार लोग संक्रमित पाए गए थे, लेकिन इस बार यह 11 दिनों में ही हजार लोग संक्रमित पाए गए हैं। जिले में कोरोना के मामले 30 दिसंबर से मिलने शुरू हो गए थे। पहले दिन छह मरीज जांच में संक्रमित पाए गए थे। तीसरी लहर में 100 संक्रमित मरीजों का आंकड़ा भी पहली दोनों लहरों से पहले पहुंच गया है। इस बार पांच दिन बाद ही जिले में 100 कोरोना के संक्रमित पाए गए, जबकि पहली लहर में 15 दिन और दूसरी लहर में दस दिन बाद 100 लोग संक्रमित हुए थे। डा.दास ने कहा कि संक्रमण के हिसाब से भर्ती होने वाले मरीज की संख्या में कमी है। आक्सीजन स्तर अचानक गिरने की शिकायत अभी बहुत नहीं है।

एसकेएमसीएच में जांच के लिए लगी हैं पांच मशीनें

एसकेएमसीएच के प्राचार्य डा.विकास कुमार ने बताया कि समय पर जांच की रिपोर्ट जा रही है। आरटीपीसीआर जांच केवल मुजफ्फरपुर जिले की ही हो रही है। दूसरे जगह की जांच नहीं की जा रही है। जांच के लिए पांच मशीनें चल रही हैं। तीन हजार से 32 सौ तक की जांच क्षमता है, लेकिन अभी दो हजार से ढाई हजार के बीच में ही जांच हो रही है। समय पर रिपोर्ट दी जा रही है।

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