देश स्तर पर स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 की परीक्षा शुरू हो गई है। नयी गाइडलाइन के अनुसार इस बार 7500 अंकों की प्रतियोगिता तय गई है, जो पहले छह हजार अंकों की होती थी।
इसमें सिटीजन फीडबैक के तहत 600 अंक रखे गये हैं। गाइडलाइन के अनुसार इस अंक को दिलाने में सीनियर सिटीजन की भूमिका अहम बतायी गयी है। इसके अलावा सफाई के अलग-अलग बिंदुओं पर तय अंक के अनुसार सर्वे होना है। प्रतियोगिता के दस दिन निकल गए, लेकिन अभी तक नगर निगम प्रशान की ओर से वरिष्ठ नागरिकों से फीडबैक को लेकर कोई जागरूकता अभियान नहीं शुरू किया गया है।
- निगम प्रशासन ने शहरी क्षेत्र में कहीं बैनर-पोस्टर भी नहीं लगाया है। इसके लिए निगम के अधिकारी कोविड इफेक्ट के कारण अभियान शिथिल पड़ने की बात कह रहे है। देश स्तर पर रैंकिंग में सुधार के लिए जिस अंक को जागरूकता फैला कर हासिल किया जा सकता है, उस काम में निगम प्रशासन पूरी तरह से सुस्त पड़ा है। दूसरी ओर अधूरे निर्माण और गंदगी के कारण शहर की स्थिति बदतर बनी हुई है। फरवरी के तीसरे सप्ताह तक प्रतियोगिता के तहत सफाई का मूल्यांकन होना है। ऐसे में सर्वे को लेकर केंद्रीय टीम गोपनीय ढंग से कभी भी शहर का निरीक्षण कर सकती है, लेकिन उसके लिए अभी तक कोई तैयारी नहीं शुरू हुई है। अभी भी कई जगहों पर प्रतियोगिता के पिछले वर्ष का बैनर पोस्टर लगा है।