कोरोना की तीसरी लहर में एक बार फिर लोगों का महानगरों से मोहभंग हुआ है। एक तरफ विभिन्न शहरों से नौकरी-पेशा व श्रमिक वर्ग के लोग घर लौट रहे, वहीं बाहर जानेवालों की संख्या में भी गिरावट देखी जा रही है।
बड़ी संख्या में टिकट रद कराए जा रहे हैं। उत्तर बिहार के सभी स्टेशनों पर कमोबेश एक जैसी स्थिति है। जनवरी के पहले सप्ताह से ही हर दिन बुकिंग काउंटर से औसतन 400 से 500 टिकट रद कराए जा रहे हैं। पहले यह संख्या करीब 100 थी। उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी और बापूधाम मोतिहारी चार बड़े स्टेशन हैं, जहां सबसे ज्यादा टिकटों को रद कराया जा रहा है।
संक्रमण के डर से यात्रा स्थगित कर दी
मधुबनी में हर दिन 50 से 80 यात्री टिकट रद करा रहे। दरभंगा में 100 तो मुजफ्फरपुर में यह संख्या 200 तक है। मोतिहारी में औसतन 60 लोग प्रतिदिन टिकट लौटा रहे हैं। सीतामढ़ी, बेतिया, समस्तीपुर से भी 40-45 लोग यात्रा रद कर रहे हैं। ये टिकट दिल्ली, अमृतसर, अहमदाबाद, मुंबई, कोलकाता, रांची, लखनऊ, सूरत, अंबाला जैसे शहरों के लिए आरक्षित कराए गए थे। मधुबनी स्टेशन पर टिकट रद कराने पहुंचे राजू कुमार कहते हैं कि दिल्ली की एक रेडिमेड कपड़े की फैक्ट्री में काम करता हूं। मकर संक्रांति के बाद 16 जनवरी को जाने का कंफर्म टिकट था। वहां बढ़ते संक्रमण के डर से यात्रा स्थगित कर दी है।
लौटने वाले बढ़े
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण महानगरों में उद्योग-धंधों पर असर पड़ रहा है। इस कारण लौटने वालों की संख्या भी बढ़ रही। दरभंगा, मुजफ्फरपुर जैसे स्टेशनों पर 3000 से 3500 लोग बाहर से पहुंच रहे हैं। पहले के मुकाबले यह संख्या दो से तीन गुनी हो गई है। इनमें श्रमिक या कामगार ज्यादा हैं। ऐसे छात्र भी हैं जो आनलाइन पढ़ाई शुरू होने के बाद घर लौट रहे हैं। दिल्ली में एक दुकान में काम करनेवाले मुजफ्फरपुर के सरैया निवासी उदय बताते हैं कि कोरोना के बढ़ते केस से काम ठप हो गया, इसलिए घर लौट आए। पूर्व मध्य रेलवे के समस्तीपुर रेल मंडल के वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक सरस्वीचंद्र ने बताया कि कोरोना के कारण लौटनेवालों की संख्या बढ़ी है। बाहर जानेवालों की संख्या में कमी आई है। इससे यात्री किराया मद में गिरावट आई है।