अमेरिक के लोगों को भाया बिहार का जर्दालु-मालदह आम, बिक्री सेंटर खोलने को लेकर हुआ करार

अमेरिकी भी ले सकेंगे बिहारी जर्दालु व मालदह आम का स्वाद, अमेरिका ने भारत से आम आयात करने पर लगा प्रतिबंध हटाया, बिहार को मिल चुका है फाइटोसेनिटरी सर्टिफिकेट देने का अधिकार, ब्रांडिंग बिहार के नाम पर हो सकेगी : अमेरिका में बैठे बिहारी के साथ वहां स्थानीय लोग भी अब राज्य के जर्दालु और मालदह आम का मजा ले सकेंगे। अमेरिका ने भारत से आयात करने पर लगा प्रतिबंध हटा लिया है। साथ ही, केन्द्र सरकार से इसके लिए करार भी कर लिया है।

 

 

 

 

इधर, बिहार को भी फाइटोसेनेटरी सर्टिफिकेट देने का अधिकार गत वर्ष मिल गया। पिछले साल तो कुछ आम और लीची इंग्लैंड भेजे भी गये, लेकिन अमेरिका में प्रतिबंध के कारण नहीं जा सका। भारत से वर्ष 2019-20 में 1095 टन आम अमेरिका गया था। इसमें महाराष्ट्र के अलफांसो को छोड़ दें तो बिहार के जर्दालु और मालदह आम सबसे अधिक गये थे। उसके बाद यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (यूएसडीए) ने कोरोना के कारण आयात पर रोक लगा दी। कारण यह था कि यूएसडीए के निरीक्षक महामारी के कारण अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण निरीक्षण के लिए भारत नहीं आ सके। लेकिन अब यूएसडीए से मंजूरी मिल गई है। केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के मुताबिक वर्ष 2022 में आम का निर्यात 2019-20 का आंकड़ा पार कर सकता है।

 

 

 

खास बात यह है कि नई व्यवस्था में बिहार से जो भी आम अमेरिका जाएगा उसकी ब्रांडिंग बिहार के नाम पर हो सकेगी। नियम के अनुसार जिस कृषि उत्पाद का फाइटोसेनेटरी सर्टिफिकेट जिस राज्य से मिलता है विदेश में उसकी ब्रांडिंग उसी नाम से हाती है। ऐसे में दूसरे राज्यों के व्यापारी बिहार से आम खरीद कर ले जाते थे और अपने यहां से प्रामाण पत्र लेकर उसे अमेरिका भेजते था। अब बिहार में यह व्यवस्था गत वर्ष ही हो गई लेकिन तब अमेरिका में प्रतिबंध होने के कारण बिहारी आम नहीं जा सका।

 

 

 

Input : Daily Bihar

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