इसरो को मिला नया प्रमुख, सबसे ताकतवर स्पेस रॉकेट बनाने वाले एस. सोमनाथ बने इसरो चीफ

Delhi: हाल के कुछ दिनों से ISRO (Indian Space Research Organisation) हर जगह सुर्ख़ियों में है। एक तोह अपने गगणयान कार्यक्रम के चलते और दूसरा अपने नए ISRO चीफ का नाम सामने आने के बाद। सीनियर रॉकेट साइंटिस्ट एस. सोमनाथ (S Somnath) ISRO के 10वें प्रमुख होंगे।

 

अभी के इसरो चीफ के. सिवान (K Sivan) के स्थान पर इसरो प्रमुख की कुर्सी पर सोमनाथ (VSSC Director, S Somanath) बैठने वाले है। अभी अभी देश की केन्द्र सरकार ने यह जानकारी दी कि अब से एस सोमनाथ इसरो के नए चीफ और डिपार्टमेंट ऑफ़ साइंस (Department of Science) के सेक्रेटरी नियुक्त किये जा रहे हैं

 

 

 

आपको जानकारी हो की के. सिवान का टेन्योर 14 जनवरी को समाप्त हो गया। सोमनाथ फ़िलहाल विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (Vikram Sarabhai Space Centre) के डायरेक्टर रहे हैं। रिपोर्ट्स बना रही है की 2019 में इसरो हाइरारकी में अपने काम और वरिष्ठता के चलते सोमनाथ को इसरो प्रमुख के लिए सेलेक्ट किया गया।

 

 

 

 

 

सीनियर रॉकेट साइंटिस्ट एस. सोमनाथ के बारे में

 

अब आज से एस. सोमनाथ आने वाले 3 सालों तक इसरो प्रमुख और डिपार्टमेंट ऑफ़ साइंस के सेक्रेटरी (Space Secretary) रहेंगे। दक्षिण भारत के आखिर छोर केरल से आने वाले एस सोमनाथ जुलाई माह में साल 1963 में जन्मे थे। उन्होंने कोल्लम, केरल स्थित टीकेएम कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग से मेकैनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी है

 

 

 

 

फिर उन्होंने आईआईएससी, बेंगलुरू (IISc, Bengaluru) से स्पेस इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रैजुएशन की डिग्री भी पूरी की। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़, सोमनाथ ने डायनामिक्स और कन्ट्रोल में स्पेशलाइज़ेशन किया और M.Tech में गोल्ड मेडलिस्ट भी है।

 

पीएसएलवी के मुख्य प्रोजेक्ट मैनेजर रहे

 

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एस. सोमनाथ, 1985 में विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर से जुड़े थे। PSLV के इंटीग्रेशन के शुरुआती फे़ज़ में उन्होंने टीम लीडर की मुख्या भूमिका सफलतापूर्वक निभाई। पीएसएलवी के मुख्य प्रोजेक्ट मैनेजर तौर पर सोमनाथ ने मैकेनिज़्म, पाइरो सिस्टम, मिशन डिज़ाइन, स्ट्रक्चरल डिज़ाइन और इंटीग्रेशन में अपना बड़ा योगदान दिया।

 

सोमनाथ लॉन्च व्हेकिल्स की इंजीनियरिंग एक्सपर्ट है

 

सोमनाथ लॉन्च व्हेकिल्स की इंजीनियरिंग के विशेषज्ञ हैं। उन्होंने साल 2003 में GSLV Mk-III मिशन के दौरान डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में अपने हांथों में लिया था। वे जून 2010 से 2014 तक GSLV Mk-III प्रोजेक्ट डायरेक्टर भी थे। आने वाले ISRO मिशन में सोमनाथ के ज्ञान और टैलेंट की सख्त जरुरत है।।

 

 

आज के दौर में सोमनाथ, के सिवान के स्थान पर तब आये हैं, जब इंडियन स्पेस सेक्टर प्राइवेट फ़र्म्स, Startups के साथ काम करने जा रहा है। अब सोमनाथ को इंडियनस्पेस एजेंसी के आने वाले सभी मिशन को बड़ी ही जिम्मेदारी से पूरा करना हैं। ऐसे में उनका देश का सबसे बड़ा राकेट साइंटिस्ट माने जाना मायने रखता है।

 

 

Input: Apna Bihar

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